नई दिल्ली: प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद में फिलिस्तीन लिखा हुआ बैग लेकर जाकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस बैग पर फिलिस्तीन के प्रतीक, जैसे तरबूज, भी बने हुए थे, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलिस्तीन के प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता है। यह घटना उस समय सामने आई है जब प्रियंका गांधी ने इजरायल के सैन्य अभियानों की कड़ी आलोचना की थी और फिलिस्तीनियों के समर्थन में बयान दिए थे। अब प्रियंका की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसपर लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
बांग्लादेशी हिंदुओं को सिरे से नज़रअंदाज़ करके प्रियंका गांधी फ़िलिस्तीन लिखा बैग लेकर संसद पहुँचीं
— ANUPAM MISHRA (@scribe9104) December 16, 2024
किस क़दर हीन भावना से ग्रस्त होंगे वो हिंदू जो इनमें भी अपना नेतृत्व ढूँढ लेते हैं #लानत_है pic.twitter.com/lpB11nIDbP
कुछ दिन पहले प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन दूतावास के कार्यवाहक प्रमुख अबेद एलराज़ेग अबू जाजर से मुलाकात की थी। इस बैठक में गाजा में चल रहे संघर्ष पर चर्चा हुई और भारत से युद्ध विराम के समर्थन में कदम उठाने की अपील की गई। इसके अलावा कांग्रेस ने अपनी कार्यसमिति (CWC) की बैठक में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें इजरायल की कार्रवाइयों की निंदा की गई थी। हालाँकि, इस प्रस्ताव में फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के हमले का कोई जिक्र नहीं किया गया था, ताकि मुस्लिम वोट बैंक नाराज़ ना हो जाए, क्योंकि भारत के मुसलमान हमास को आतंकी नहीं मानते, जिस तरह फिलिस्तीन, पाकिस्तान जैसे अन्य देश कश्मीर में आतंक मचाने वाले जिहादियों को आतंकी नहीं मानते।
फिलिस्तीन छपा पर्स लेकर संसद परिसर में घूमना प्रियंका वड्रा का मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए किया गया पाखंड है . बांग्लादेश के हिंदुओं के नरसंहार पर चुप्पी , निर्दोष यहूदियों के अपहरण और बलात्कार पर चुप्पी और कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और निर्वासन पर मौन क्यों ? पूछता है भारत ! pic.twitter.com/ISumPyeNAR
— Prem Shukla -प्रेम शुक्ल (@PremShuklaBJP) December 16, 2024
लेकिन कांग्रेस के इन क़दमों से यह सवाल उठता है कि कांग्रेस, जिसने फिलिस्तीन के लिए निंदा प्रस्ताव पारित किया, वह बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर क्यों चुप है? पिछले पाँच महीनों में बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदुओं की हत्याएँ कीं, उनके घर और मंदिर जलाए, और महिलाओं के साथ बलात्कार किए। इसके बावजूद कांग्रेस ने इस पर एक भी निंदा प्रस्ताव पास करने की हिम्मत नहीं दिखाई। इसकी वजह साफ है। बांग्लादेश में अत्याचार करने वाले मुस्लिम हैं, जो भारत में कांग्रेस के वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा हैं। कांग्रेस इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ खुलकर बोलने से कतराती है, क्योंकि इससे उसके मुस्लिम वोट बैंक पर असर पड़ सकता है।
फर्क साफ है! pic.twitter.com/RpuYtZ4drG
— Sambit Patra (@sambitswaraj) December 16, 2024
अब सांसद बनते ही प्रियंका गांधी को हजारों किलोमीटर दूर चल रहे इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध की चिंता होने लगी। उन्होंने संसद में फिलिस्तीन लिखे बैग के जरिए अपना समर्थन जताया। इससे यह धारणा बनी कि प्रियंका गांधी इस कदम के जरिए मुस्लिम वोट बैंक को और मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं। भाजपा ने इस मामले को कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया। भाजपा नेता संबित पात्रा ने प्रियंका के बैग को "तुष्टीकरण का थैला" बताया और कहा कि कांग्रेस हमेशा से अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए प्रतीकात्मक कदम उठाती रही है। पात्रा ने चुटकी लेते हुए कहा, "प्रियंका गांधी का यह बैग दिखाता है कि कांग्रेस की प्राथमिकता भारत के नागरिक नहीं, बल्कि विदेशों के मुद्दे हैं।"
ब्रेकिंग: प्रियंका गांधी को फिलिस्तीन के झोले के साथ देख हमास ने लिया कांग्रेस की अगली भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लेने का फैसला। pic.twitter.com/1IPkmNNzP2
— The Baingan (@TheBaingan_) December 16, 2024
हालाँकि, लगातार 3 लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के लिए ये चिंतन का समय है कि सिर्फ मुस्लिम वोटों के जरिए सरकार नहीं बनाई जा सकती, सत्ता के शीर्ष तक पहुँचने के लिए कांग्रेस को हिन्दुओं की भी चिंता करनी होगी। कांग्रेस अगर ये सोच रही हो, कि मुस्लिम आबादी बढ़ने के बाद सभी वोट उसे मिलेंगे, तो ये ग़लतफ़हमी है, क्योंकि, 1947 में भी मुस्लिम समुदाय ने कांग्रेस को दरकिनार कर एकतरफा मुस्लिम लीग का समर्थन किया था। आज भी यह सवाल उठता है कि यदि मुस्लिम समुदाय किसी दिन निर्णायक भूमिका में आ गया, तो क्या वे कांग्रेस के बजाय ओवैसी की AIMIM को समर्थन नहीं देंगे?
कांग्रेस को यह समझना होगा कि इस सोशल मीडिया के जमाने में देश की जनता भी उसकी दोहरी राजनीति को भली-भाँति समझ रही है और इसका खामियाजा उसे आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ सकता है। फिर कांग्रेस के पास EVM पर आरोप लगाने के अलावा और कोई चारा नहीं रह जाएगा।