प्रियांशु राजावत ने जबरदस्त फॉर्म का परिचय देते हुए ओरलिआंस मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट में जीत को अपने नाम कर ली है। उन्होंने फाइनल में वर्ल्ड नंबर 49 डेनमार्क के मैग्नस जोहांसन को 3 गेमों के संघर्ष में 21-15, 19-21, 21-16 से पराजित भी कर दिया है। वर्ल्ड नंबर 58 प्रियांशु ने 68 मिनट में यह मुकाबला जीत लिया है। यह उनका पहला सुपर 300 अंतरराष्ट्रीय खिताब कहा जा रहा है।
आक्रामक खेल ने दिलाई जीत: बता दें कि 21 साल के धार (मध्य प्रदेश) के राजावत ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत कर 9-7 की बढ़त भी अपने नाम कर ली थी। जल्द ही उन्होंने स्कोर 18-11 कर गेम आसानी से जीत लिया, लेकिन दूसरे गेम में मैग्नस ने वापसी की 8-5 और 14-9 की बढ़त बनाई। अंत में उन्होंने यह गेम जीतकर बराबरी कर ली। तीसरी गेम में राजावत ने 5-0 की बढ़त बनाई, लेकिन मैग्नस ने 9-9 की बराबरी प्राप्त कर ली। यहां से राजावत ने आक्रामक खेल का प्रदर्शन करते हुए सात चैंपियनशिप अंक अपने नाम किए। बता दें कि तीन मैच प्वाइंट तो मैग्नस ने कहा है कि, लेकिन चौथी बार वह ऐसा नहीं कर सके। दोनों के मध्य यह पहली भिड़ंत थी।
बड़े भाई के खेल में निकाली कमी तो प्रियांशु को शुरू कराया बैडमिंटन: प्रियांशु ने 6 वर्ष की आयु में बैडमिंटन शुरू किया। प्रियांशु की बहन तानिया बताती हैं कि पिता भूपेंदर राजावत प्रियांशु से बड़े भाई कुणाल को धार बैडमिंटन अकादमी में ले जाते थे। प्रियांशु भी पिता के साथ भी जाय करता था। एक दिन अकादमी में प्रियांशु ने पिता से बोला कि भाई ठीक से नहीं खेल रहा है। उसने गलत स्ट्रोक लगाए हैं। उसे इस तरह से स्ट्रोक लगाने चाहिए, तो पिता ने बोला है कि अगर तुम्हें लगता है कि भाई गलत खेल रहा तो तुम भी खेलो। उसके बाद से प्रियांशु की बैडमिंटन में एंट्री हो गई।
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