नई दिल्लीः भारत के दिग्गज कबड्डी खिलाड़ी अजय ठाकुर अंतरराष्ट्रीय कबड्डी को सर्द अलविदा कह सकते हैं। अपने शानदार खेल के कारण पद्मश्री से सम्मानित यह खिलाड़ी अर्जुन अवार्ड भी पा चुका है। इसके बाद अपने पैतृक गांव दभोटा में अकादमी चलाकर हिमाचल के युवक-युवतियों को कबड्डी के दांवपेंच सिखाएंगे. अजय ठाकुर हिमाचल के सोलन जिले के नालगढ़ के रहने वाले हैं। पुलिस में डीएसपी के पर काबिज ठाकुर ने कहा कि उनका सपना था कि वे अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किए जाएं।
माता-पिता और गुरुओं के आशीर्वाद से अर्जुन अवार्ड के लिए नामित होने से उनका सपना साकार होता नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि वे प्रो-कबड्डी लीग के लिए भी एक-दो सीजन ही खेलेंगे. इसके बाद दभोटा में ही अकादमी चलाएंगे। उन्हें इसी साल 11 मार्च को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है। भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण के बाद देश का यह चौथा बड़ा सम्मान है।
अब उन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा जाएगा. पद्मश्री अजय ठाकुर ने देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का डंका बजाया है. सरकार ने उन्हें डीएसपी के पद से नवाजा है. उनकी पोस्टिंग बिलासपुर में है। आजकल वह प्रो-कबड्डी लीग में तमिल थलाईवा टीम की कप्तानी कर रहे हैं। वह बंगलूरू और पुणे की टीम का भाग रहे हैं। अब बीते दो सीजन से तमिल थलाईवा की टीम की कप्तानी कर रहे हैं। वर्ष 2014 एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय कबड्डी टीम में अजय ने अहम भूमिका निभाई है. वर्ल्ड कप में बेस्ट रेडर का खिताब जीता था।
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