अमृतसर: पंजाब के संगरूर में लोकसभा उपचुनाव के बीच दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल के पहुँचने से पहले काली माता मंदिर की दीवार पर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लिखे हुए पाए गए थे। इसका पता चलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। हालाँकि, प्रशासन ने केजरीवाल और भगवंत मान के रोड शो से पहले ताबड़तोड़ पेंट करवाकर नारे मिटवा दिए। बता दें कि संगरूर में चुनाव आचार संहिता लागू हैं और 23 जून, 2022 को वोट डाले जाने हैं।
संगरूर शहर के काली माता मंदिर के गेट और दीवारों पर “पंजाब हल खालिस्तान SFJ” और “रेफरेंडम 26 जनवरी 2023” के नारे लिखे हुए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना रविवार रात की बताई जा रही है और अब संगरूर प्रशासन द्वारा यह सभी नारे मिटा दिए गए हैं। जिन जगहों पर नारे लिखे हुए थे, वहाँ पर पेंट कर दिया गया है और पंजाब पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने बच रही है। हालाँकि, पंजाब में खालिस्तान समर्थक नारे लगना और उसकी माँग कोई नई बात नहीं है, मगर आम आदमी पार्टी (AAP) की भगवंत मान सरकार बनने से पंजाब में खालिस्तान की माँग में तेजी देखने को मिली है। ऐसा दावा कई मीडिया रिपोर्ट्स किया जा रहा है। ऐसे में पंजाब में खालिस्तानी तत्वों की ऐसी हरकतों से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
बता दें कि पिछले हफ्ते फरीदकोट और फिरोजपुर में भी खालिस्तान जिंदाबाद के नारे देखे जा चुके हैं। फरीदकोट में पहले बाजीगर बस्ती के पार्क और फिर जज की कोठी की दीवार पर खालिस्तानी समर्थक नारे लिखे देखे गए थे। इसके बाद फिरोजपुर में डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) की कोठी के बाहर भी इस तरह के नारे लिखे गए थे। बता दें कि पिछली बार भी केजरीवाल और भगवंत मान के जालंधर में प्रस्तावित कार्यक्रम से पहले ही खालिस्तान समर्थकों ने लिखे हुए मिले थे। वहीं पंजाब में आए दिन खालिस्तान समर्थकों द्वारा अलगाववाद का माहौल बनाया जा रहा हैं। यहां कभी भारत विरोधी नारेबाजी होती है तो कभी दीवारों पर आपत्तिनजक नारे लिखे मिलते हैं। हालाँकि, सवाल ये भी है कि, केजरीवाल के दौरे से पहले या कोई सियासी कार्यक्रम के पहले ही पंजाब में खालिस्तानी गतिविधियां तेज क्यों हो जाती हैं ?
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