लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कमजोर हो गई है. जिसे पुनह स्थापित करने के लिए पीएम मोदी ने राहत पैकेज का ऐलान किया है. उम्मीद की जा रही है कि राहत पैकेज के बाद अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. लेकिन यह तो आने वाला समय ही बताएगा की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत हो पाती है. दूसरी ओर गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए जेपी समूह की प्रमुख फर्म जयप्रकाश एसोसिएट्स की जांच करेगा. एक सूत्र के जरिये यह जानकारी सामने आई है. बता दें कि जांच एजेंसी कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आती है. सूत्र ने कहा कि मंत्रालय ने जयप्रकाश एसोसिएट्स और जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ SFIO जांच का आदेश दिया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि निर्माण, सीमेंट, बिजली, रियल एस्टेट, होटल और अस्पताल के व्यवसायों में शामिल जेपी समूह पिछले कुछ वर्षों से कर्ज अदायगी में चूक और नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आवास परियोजनाओं को पूरा करने में देरी के कारण संकट का सामना कर रहा है. समूह ने अपने कर्ज को कम करने के लिए पहले ही कई सीमेंट और बिजली संयंत्र बेच दिए हैं.
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अगर आपको नही पता तो बता दे कि जयप्रकाश एसोसिएट्स की सहायक कंपनी जेपी इंफ्राटेक अगस्त 2017 में एक दिवालिया प्रक्रिया में चली गई. पिछले साल दिसंबर में लेनदारों की समिति (सीओसी) में 13 बैंक और लगभग 21,000 होमबॉयर्स ने एनबीसीसी के संकल्प योजना को मंजूरी दी. वही, 6 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इंफ्राटेक की 90 दिनों के भीतर दिवालिया प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया. दिसंबर में सीओसी ने एनबीसीसी के संकल्प योजना को मंजूरी दी.
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