नई दिल्ली: कोरोना ने देश के कई लोगों की जान को दांव पर लगा रखा है वही हाइड्रोजन ऊर्जा तथा नैनोसाइंस के लिए पूरी देश दुनिया में प्रसिद्ध बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर पद्मश्री ओंकारनाथ श्रीवास्तव का कोरोना से देहांत हो गया। 20 अप्रैल को कोरोना वायरस की चपेट में आने के पश्चात् उन्हें इलाज के लिए बीएचयू के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। शनिवार प्रातः से उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी।
बीएचयू के प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी ओंकारनाथ श्रीवास्तव 20 अप्रैल को कोरोना वायरस की चपेट में आए थे, जिसके पश्चात् उन्हें उपचार के लिए बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में एडमिट कराया गया था। बताया गया है कि पिछले दिन प्रातः से ही उन्हें सांस लेने में समस्या हो रही थी, जिसके पश्चात् उनकी सेहत बिगड़ती चली गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। रविवार को राजकीय सम्मान के साथ वाराणसी के राजा हरिश्चंद्र घाट पर उनकी अन्येष्टि की गई।
फिलहाल वे बीएचयू के भौतिकी विभाग में प्रोफेसर के पद पर तैनात थे। विज्ञान के क्षेत्र में दुर्लभ योगदान देने के लिए उन्हें देश के सर्वोच्च शांति सवरूप भटनागर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम 2013 में अपने बीएचयू दौरे में प्रो। श्रीवास्तव की लैब को देखने पहुंचे थे। वहीं मिसाइलमैन ने हाइड्रोजेन मैन से उनके द्वारा बनाई गई हाइड्रोजन कार एवं गाड़ियों की जानकारी ली थी, जिसके पश्चात् प्रोफेसर श्रीवास्तव चर्चाओं में आए थे।
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