नई दिल्ली: कनाडा के कानून प्रवर्तन ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह, सिख फॉर जस्टिस या एसएफजे द्वारा किए गए दावों को गलत करार दे दिया है. जी दरअसल बीते दिनों ही इसमें यह कहा गया था सशस्त्र पुरुषों ने पंजाब जनमत संग्रह 2020 नाम के अपने अलगाववादी कार्यक्रम से संबंधित मतदाता पंजीकरण अभियान को बाधित करने का काम किया था. बीते 15 अगस्त को, जिस समय स्थानीय SFJ कार्यकर्ता टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के पास ड्राइव का संचालन करने के लिए आगे बढ़ रहे थे, उस दौरान ही 8 लोगों को एक अज्ञात "संबंधित नागरिक" की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था.
उसके बाद पांचों पर लोडेड हैंडगन होने के बाद आग्नेयास्त्र से संबंधित अपराधों के आरोप भी लगाए गए थे। एसएफजे ने आरोप लगाया था कि 'वाहन पर भारतीय तिरंगा लगा था और उनकी ड्राइव का इरादा था तोड़फोड़ करना.' यह बातें स्थानीय मीडिया में भी बताई गई थी लेकिन पील क्षेत्रीय पुलिस ने इस घटना का राजनीतिक एंगल होने से साफ़-साफ़ मना कर दिया है. इस दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या इसका खालिस्तान समर्थक समूह के प्रस्तावित कार्यक्रम और एसएफजे द्वारा लगाए गए आरोपों से कोई संबंध है..?
तो पीआरपी के एक प्रवक्ता ने साफ़ शब्दों में यह कहा कि उन्हें भारत के एजेंट होने के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं मिली थी। इसके अलावा एक अन्य पीआरपी प्रवक्ता ने इंडो-कैनेडियन वॉयस के एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि, स्थानीय मीडिया आउटलेट्स के द्वारा राजनीतिक प्रकृति के खतरों का जिक्र करते हुए टिप्पणी की गई है, हमारी जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला है.
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