श्रीनगर: राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) गठबंधन के समर्थन में चुनावी रैली करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर केंद्रीय एजेंसियों जैसे प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), और आयकर (IT) विभाग का इस्तेमाल करके विपक्ष को डराने का आरोप लगाया। इस दौरान राहुल गांधी POK से आए लोगों को लेकर भी एक बयान दे गए, जो विवादों में घिर गया।
ज़ुबान लड़खड़ा गई या सच्चाई जुबान पर आ गई ? कश्मीरी पंडितों के साथ डॉ मनमोहन सिंह ने तो कोई वादा नहीं किया था ।तो राहुल गांधी किस वादे की बात कर रहे हैं? और जो वादा 2014 से पहले किया गया था अब क्या वह 2080 में पूरा होगा? फिर सवाल तो यह भी कि POK के किन रिफ्यूजी के साथ डॉ मनमोहन… pic.twitter.com/6hpzDk8ubH
— Anju Pankaj Guleria (@AnjuPankajNews) September 25, 2024
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि, "जो PoK से रिफ्यूजी आए, उनसे मनमोहन सिंह ने जो वादा किया था, उसे पूरा किया जाएगा।" हालाँकि, इतना कहने के बाद ही जैसे उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ कि शायद वे कुछ गलत कह गए हैं। उन्होंने तुरंत सुधार करते हुए कहा कि, "सॉरी, जो कश्मीरी पंडित आए, उनसे मनमोहन सिंह ने जो वादा किया था, उसे पूरा किया जाएगा।" राहुल की इस गलती पर भाजपा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी।
भाजपा ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी PoK शरणार्थियों और कश्मीरी पंडितों में फर्क नहीं कर सकते, और फिर उम्मीद करते हैं कि उन्हें गंभीरता से लिया जाएगा। भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्ष के पास उनसे (राहुल से) बेहतर नेतृत्व हो सकता है और कांग्रेस को इस गलती पर शर्म आनी चाहिए। इस घटना के बाद, भाजपा राहुल गांधी और कांग्रेस को घेरते हुए लगातार हमले कर रही है, यह आरोप लगाते हुए कि विपक्ष के नेता को इस तरह की गलतियाँ नहीं करनी चाहिए।
विदेश में रह रहे कश्मीरी पंडितों ने हवाई जहाज में यात्रा के दौरान @RahulGandhi को घेर कर सवाल पूछे कि वो कश्मीर के मामलों पर वे मोदी का विरोध क्यों करते हैं ?
— Ashwini Upadhyay (@UpadhyayFriends) September 25, 2024
इसका कोई जवाब राहुल गांधी नहीं दे पाया, राष्ट्रीय मीडिया शायद ही ये न्यूज़ दिखा पाए। ???????????? pic.twitter.com/571g856TLJ
हालाँकि, इससे पहले भी राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे कश्मीरी पंडित उनसे सवाल करते नज़र आ रहे थे कि वो अक्सर कश्मीर के मामलों पर भारत सरकार का विरोध क्यों करते हैं ? हालाँकि, राहुल गांधी उनके सवालों का कोई जवाब नहीं दे पाए। दरअसल, राहुल गांधी और उनकी पार्टी शुरू से 370 लागू करने के पक्ष में रही है, जो कश्मीरी पंडितों के पलायन का कारण बना था। अब राहुल कश्मीरी पंडितों का भी समर्थन करने की बात कर रहे हैं और 370 लागू करने का भी समर्थन कर रहे हैं, तो ये दोनों बातें एकसाथ एक मुंह से कैसे हो सकती हैं ?
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