चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को हाल ही में एक निर्देश जारी किया है। जी दरअसल यह निर्देश यह है कि वह राज्य में तमिल भाषा को बढ़ावा देने के कदम उठाए। आपको बता दें कि मदुराई खंडपीठ ने तमिल साहित्य को सुरक्षित रखने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई की और इसी सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया गया है। आपको बता दें कि जस्टिस महादेवन और जस्टिस सत्य नारायण प्रसाद की पीठ ने यह निर्देश दिया।
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बताया जा रहा है जनहित याचिका में मांग की गई है कि तमिल किताबों, तमिल शोध पुस्तकों और तमिल भाषा के विकास से संबंधित अन्य भाषाई किताबों को विश्व तमिल संघ के ग्रंथालय( library) में रखा जाना चाहिए। केवल यही नहीं बल्कि याचिका में पुस्तकालय में नई बुनियादी सुविधाओं की स्थापना की भी मांग की गई है। आपको बता दें कि पीठ ने तमिलनाडु सरकार को संगम युग के तमिल साहित्य और आधुनिक तमिल साहित्य को लोकप्रिय बनाने के लिए धन आवंटित करने और विभिन्न आयोजन करने का भी निर्देश दिया है। आपको यह भी जानकारी दे दें कि तमिल भाषा को लेकर काफी समय से विवाद जारी है।
तमिलनाडु में सबसे बड़ा मसला भाषा का उठता गया है। तमिलनाडु की तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है, लेकिन क्योंकि भारत में हमेशा से ही केंद्र की सत्ता में उत्तर भारतीयों और हिन्दी भाषियों का वर्चस्व रहा है, तो तमिलनाडु में हिन्दी थोपने के मसले को लेकर काफी विवाद रहा है। वहीँ तमिलनाडु में भाषा की जंग का असर चुनावी माहौल पर भी पड़ता रहा है।
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