नई दिल्ली: भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा एक बयान पर नाराजगी दिखाने वाले खाड़ी देश कतर (Qatar) में अल्पसंख्यकों को मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन का सामना करना पड़ता है। कतर उन्हीं देशों में शामिल है, जो प्रोपगेंडा पर भारत जैसे विशाल देश के आंतरिक मामलों में दखल तो देता है, मगर अर्थव्यवस्था से लेकर अनाज एवं फलों के लिए भी भारत और भारतीयों पर निर्भर है। अब भारत ने कतर सरकार से वहाँ रहने वाले हिंदुओं के पूजा स्थल के लिए भूमि और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान भूमि प्रदान करने को कहा है।
बता दें कि कतर समेत कई खाड़ी देशों में हिंदू समुदाय के लोग लाखों की तादाद में रहते हैं, जो वहाँ के विकास में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। कतर में रहने वाले इन हिंदुओं के किसी परिजनों का निधन होने पर उन्हें या तो दफन करना पड़ता है या फिर अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव देह को भारत लाना पड़ता है। कतर एक इस्लामिक देश है और वह हिंदुओं की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार की इजाजत नहीं है।
बता दें कि उपराष्ट्रपति एम वैंकया नायडू हाल में ही कतर, गेबान और सेनेगल का आठ दिवसीय दौरा कर भारत लौटें हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रहे भाजपा नेता सुशील मोदी ने बताया है कि भाजपा के कुछ नेताओं के विवादित बयान के बाद की गई कार्रवाई से कतर संतुष्ट है।
बता दें कि इस वक़्त खाड़ी देशों में 76 लाख से ज्यादा भारतीय काम कर रहे हैं। ये भारतीय वहाँ की इकॉनमी को बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं। यही नहीं, कोरोना महामारी के दौरान भारत ने अरब देशों को अनाज और फलों सप्लाई किए थे। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, UAE ने वर्ष 2020 में काजू की अपनी कुल आयात का 21 फीसद और डेयरी उत्पाद के आयात का कुल 15 फीसद भारत से खरीदा था। वहीं, ईरान ने अपनी चाय का 24 फीसद भारत से इम्पोर्ट किया था।
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