सूसू-पॉटी वाले डायपर पर पैगंबर मुहम्मद का नाम, वीडियो वायरल होते ही मचा बवाल

सूसू-पॉटी वाले डायपर पर पैगंबर मुहम्मद का नाम, वीडियो वायरल होते ही मचा बवाल
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भोपाल: सोशल मीडिया पर बीते कुछ दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि पेंपर्स नामक डायपर बनाने वाली एक कंपनी के उत्पाद पर मुस्लिमों के पैगंबर मुहम्मद का नाम लिखा हुआ है। इस वीडियो को तेजी से फैलाया जा रहा है तथा इसके साथ ही पेंपर्स के उत्पादों का बॉयकाट करने की अपील की जा रही है। यह वीडियो फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वायरल हो चुका है तथा इसके चलते लोगों के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो गई है।

वायरल वीडियो में एक व्यक्ति दावा कर रहा है कि पेंपर्स के डायपर पर मुहम्मद का नाम लिखा हुआ है। इस वीडियो को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए इरा अरमान मलिक नामक एक शख्स ने लिखा, "वायरल वीडियो भोपाल का बताया जा रहा है, जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति ने पेंपर्स के डायपर पर ‘मुहम्मद साहब’ का नाम पाया है। इस वीडियो को देखने के बाद उनकी पहचान का पता लगाया जा रहा है। अब सभी मुस्लिम दुकानदारों को इस कंपनी के उत्पादों को बेचना बंद कर देना चाहिए और इस मामले में अपने शहर में इस कंपनी के वितरकों से शिकायत करनी चाहिए।"

एक शख्स ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, "भोपाल से वायरल हुए एक वीडियो में एक मुस्लिम व्यक्ति ने दावा किया है कि पेंपर्स कंपनी द्वारा बनाए गए डायपर में ‘मुहम्मद साहब’ का नाम लिखा हुआ मिला है। अफसरों ने इस मामले की तहकीकात शुरू कर दी है। इस बीच, वॉलमार्ट द्वारा भगवान गणेश की तस्वीरों वाले अंडरगारमेंट्स बेचने को लेकर भी आलोचना की जा रही है। ये घटनाएँ दर्शाती हैं कि कैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं के साथ खेल रही हैं, जो समाज में सामंजस्य बनाए रखने के लिए हानिकारक हो सकती हैं।"

यह वीडियो न सिर्फ इंस्टाग्राम बल्कि फेसबुक पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। मौलाना सलीम अशरफ कासमी नामक एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा, "लेडीज ग्रुप में इस वीडियो को अधिक से अधिक साझा करें। इस कंपनी के डायपर का हर हिंदुस्तानी मुसलमान बहिष्कार करे तथा इस कंपनी के खिलाफ हर जिले में मुकदमा दर्ज करें।" साथ ही उन्होंने इसे एक अपमान करार दिया और इस घटना को मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के रूप में पेश किया।

इसके अतिरिक्त, एक यूट्यूब चैनल ने लगभग दो महीने पहले इस वीडियो को साझा किया था तथा इसमें लिखा था, "पैंपर्स ने मुहम्मद की शान में गुस्ताखी की।" इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स और धार्मिक संगठनों ने इस कंपनी के खिलाफ अपना विरोध जताया है और इसके उत्पादों का बहिष्कार करने की मांग की है।

2018 में भी हुआ था ऐसा ही विवाद
यह पहली बार नहीं है जब पेंपर्स के डायपर को लेकर विवाद उठ रहा है। 2018 में भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उस वक़्त भी हैदराबाद के कुछ मुस्लिमों ने पेंपर्स के बेबी डायपर पर आपत्ति जताई थी तथा दावा किया था कि इसमें मुस्लिमों के पैगंबर मुहम्मद का अपमान किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, डायपर पर एक बिल्ली का चित्र था, जिसमें उसकी नाक, मुँह, मूंछ और बाईं आंख की छवि अरबी में पैगंबर मुहम्मद के नाम से मेल खाती थी।

इस आरोप के पश्चात् कई स्थानों पर पेंपर्स के डायपर जलाकर विरोध प्रदर्शन किए गए थे। एक मुस्लिम व्यक्ति ने दावा किया था कि उसने बाजार से डायपर खरीदी और उसकी जांच की, तब उसे यह दावा सही पाया गया। कुछ लोगों ने पेंपर्स के पैकेटों को जमीन पर रखकर उन्हें आग लगा दी और नारेबाजी की। इस के चलते एक व्यक्ति ‘मूसा, मूसा, जाकिर मूसा’ जैसे नारों का उच्चारण करते हुए दिखाई दिया।

मुस्लिम प्रोपेगेंडा वेबसाइट मिल्ली गजट ने उस वक़्त इस घटना को लेकर एक वीडियो क्लिप साझा की थी, जिसमें लिखा था, "पैंपर्स को एक फतवे का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि एक मुस्लिम समूह ने दावा किया कि उन्होंने नैपी ब्रांड के कार्टून बिल्ली शुभंकर की मूंछों में 'मोहम्मद' शब्द देखा है।" इसके साथ ही, 'सच न्यूज' नामक यूट्यूब चैनल ने भी इस खबर को साझा किया था। इसके अतिरिक्त, हैदराबाद के दबीरपुरा पुलिस स्टेशन में इस मामले को लेकर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था, “नंगी आंखों से भी पहचाना जा सकता है कि इस पर पैगंबर का नाम उर्दू/अरबी में लिखा हुआ है।” इस शिकायत में पेंपर्स कंपनी पर मुस्लिमों की भावनाओं को जानबूझकर आहत करने का इल्जाम लगाया गया था।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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क्या कारण हो सकता है कि यह वीडियो फिर से वायरल हो रहा है?
इतिहास को देखते हुए यह स्पष्ट है कि पेंपर्स के डायपर के बारे में विवाद पहले भी उठ चुका है। किन्तु 6 वर्ष पश्चात् एक बार फिर यही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके पीछे का कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है। ना तो इस सिलसिले में कोई नई रिपोर्ट आई है और ना ही कोई अधिकारी इस मामले में बयान दिया है। इसके बावजूद अक्टूबर 2024 से इस वीडियो को शेयर किया जा रहा है तथा इस बार भी पेंपर्स के उत्पादों का विरोध तेज हो गया है।

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