हिमाचल के साढ़े 18 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता परिवारों को डिपुओं में चीनी और सस्ती मिल सकती है। इसके अलावा प्रदेश सरकार पंजाब से सस्ती चीनी लेने की तैयारी में है। वहीं अभी प्रदेश सरकार हरियाणा सरकार से चीनी ले रही है। इसके साथ ही यह चीनी 33 रुपये प्रति किलो के हिसाब से सप्लाई की जा रही है।वहीं पंजाब सरकार ने भी हिमाचल को चीनी देने की हामी भरी है।इसके साथ ही इसको लेकर पंजाब सरकार की एक टीम शिमला पहुंची और हरियाणा की ओर से दी जा रही चीनी की सप्लाई के रेट और ट्रांसपोर्ट खर्चे आदि का ब्योरा लिया है। वहीं अब पंजाब सरकार चीनी में कितना रेट कम करती है, इसी महीने पंजाब सरकार इसकी जानकारी दे सकती है।
सरकार का मानना है कि दोनों राज्यों में प्रतिस्पर्धा के चलते फायदा हिमाचल को होगा। पंजाब से कम रेट पर चीनी मिलने का उपभोक्ताओं को फायदा होगा।वहीं हिमाचल में 40 हजार क्विंटल चीनी की खपत है। इसके अलावा सरकार चीनी में उपभोक्ताओं को 9 से 14 रुपये तक की सब्सिडी देती है। एपीएल उपभोक्ताओं को 24 रुपये, जबकि अंत्योदय और बीपीएल परिवार को चीनी 19 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दी जा रही है।ऐसा बताया जा रहा है कि इसका कारण हरियाणा सरकार के साथ मई-जून में चीनी का करार खत्म होना है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की पंजाब सरकार इससे सस्ती चीनी देती है तो हरियाणा सरकार से नहीं ली जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री से चीनी को लेकर मंत्रणा हुई है। इसके बाद ही पंजाब सरकार के अफसर शिमला रेट लेने आए हैं। वहीं खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि जो हिमाचल को सस्ती चीनी देगा, उससे चीनी ली जा सकती है।
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