तेज चलने वाले कम्प्यूटर में सबसे पहले सुपर कम्प्यूटर का नाम लिया जाता है. यह कम्प्यूटर सभी कम्प्यूटर को प्रभावित कर देता है. इस कम्प्यूटर का इस्तेमाल करने के लिए सभी को ज्यादा ऊर्जा खर्च करना पड़ता है. इसकी साइज और कीमत में भी ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है. कई शोधकर्ताओं ने इसके लिए प्रोटीन पावर का रास्ता निकाला है.
एक यूनिवर्सिटी ने कहा है कि कम्प्यूटर परिक्षण के लिए क्रिप्टोग्राफी और मैथेमैटिकल ऑप्टीमाइजेशन बहुत अच्छा होगा. जो परम्परागत कम्प्यूटर होते है वे बायोकम्प्यूटर अनुक्रम में काम नही करते है. बायोकम्प्यूटर ऐसे कम्प्यूटर है जो ऊर्जा की खपत को कम करते है.
इस कप्यूटर में पारम्परिक ट्रांजिस्टर के मुकाबले पावर भी कम लगती है. बायोकम्प्यूटर का साइज बहुत छोटा है इसका साइज सिर्फ एक किताब के बराबर ही है.