नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से एका एक सीएए के खिलाफ जामिया मिल्लिया, शाहीन बाग, खुरेजी और तुर्कमान गेट के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, चांद बाग, मुस्तफाबाद, खजूरी की श्रीराम कॉलोनी और कर्दमपुरी में आंदोलन शुरू हो चुका है. वहीं यहां महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं. उनका कहना है कि इस काले कानून को वापस लेने तक उनका प्रदर्शन चलेगा. चुनाव के समय वोट की राजनीति न हो, इसलिए यहां से नेताओं को दूर ही रखा जा रहा है. वेलकम स्थित कर्दमपुरी इलाके में बीते शनिवार रात सैकड़ों लोग अचानक रोड नंबर-66 पर एकत्रित हो गए. वहीं सीएए का विरोध करते हुए उन्होंने रोड नंबर-66 बंद करने की कोशिश की. जंहा पुलिस ने उन्हें पीछे हटा दिया. इसके बाद उन्होंने रातों-रात कर्दमपुरी पुलिया को बंद कर वहां टेंट लगा दिया गया. और लोग इस बात को लेकर नोकझोक हो रही है.
सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार वजीराबाद रोड पर चांद बाग इलाके में भी शनिवार को महिलाएं टेंट लगाकर धरने पर बैठ गईं. यहां डॉ. रिजवान ने संबोधित किया. महिलाओं का दावा है कि वे सर्विस रोड पर प्रदर्शन कर रही हैं. इससे किसी को कोई तकलीफ नहीं होगी. जाफराबाद और सीलमपुर में कई दिन से महिलाएं व बच्चियां सड़क पर कैंडल लेकर खड़ी हो रही थीं. अब महिलाएं पुलिस चौकी के पास टेंट लगाकर सड़क पर बैठ गई हैं. खजूरी खास की श्रीराम कॉलोनी में ढलान से उतरते ही कुछ महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं. मुस्तफाबाद में ब्रिजपुरी रोड पर टेंट लगाकर महिलाएं धरने पर बैठी हैं. यहां मौजूद डीयू की छात्रा सलमा ने कहा कि सीएए धर्म के आधार पर लोगों को बांटने की साजिश है.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि तुर्कमान गेट इलाके में बीते रविवार को अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा भीड़ दिखी. यहां कई बुजुर्ग महिलाएं भी आंदोलन पर बैठी हैं. यहां डीयू की ग्रेजुएशन की छात्रा समीरा, लॉ के छात्र कुंवर शहजाद अहमद ने बताया कि सीएए के खिलाफ 48 हजार से ज्यादा लोगों के हस्ताक्षर कराए गए हैं.
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