बेंगलुरू। कर्नाटक में इन दिनों हिंदी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल यहां के दो मैट्रो स्टेशन्स चिकपेटे और मैजेस्टिक पर हिंदी में लिखे नामों को टेपिंग कर ढांक दिया गया। इससे हालात काफी चिंताजनक हो गए हैं। हालांकि स्टेशन के नामों पर टेप लगाने वालों को लेकर जानकारी नहीं मिली है। दरअसल बेंगलुरू मेट्रो स्टेशन पर मांग की गई कि विभिन्न स्टेशन्स के साइन बोर्ड हिंदी में न लिखे जाऐं। जिन बोर्ड को हिंदी में लिखा गया है उसे हटा दिया जाए।
विरोधियों ने मांग की कि इस तरह की घोषणाओं को बंद कर दिया जाए। लोगों का कहना था कि केरल और महाराष्ट्र की मेट्रो ट्रेन्स में हिंदी भाषा का उपयोग नहीं होता। ऐसे में कर्नाटक में भी इसका उपयोग क्यों किया जाए। विरोधियों द्वारा सोशल मीडिया पर भी विरोध किया जा रहा है
हालांकि हिंदी के प्रयोग के पक्ष में कहा गया है कि कर्नाटक सरकार और केंद्र की संयुक्त परियोजना के तहत बेंगलुरू में मेट्रो रेल का संचालन होता है। ऐसे में त्रिभाषा सूत्र के नियम का पालन करना आवश्यक माना जा रहा है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कर्नाटक में कन्नड़ भाषा को महत्व दिया गया। मगर यहां पर अंग्रेजी व हिंदी के सूचना पट्ट भी लगाए जाऐंगे।
मानसून के दौर में कर्ज के बोझ से किसान परेशान, आखिर क्या है समाधान
सूरत के कारोबारियों ने किया GST का विरोध, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
जुनैद हत्याकांड को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर होगा प्रदर्शन