बेरूत: लेबनान की राजधानी बेरूत (Beirut) में हुए विस्फोट के बाद सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आरंभ हो गए हैं. गुरुवार को सैंकड़ों की तादाद में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. आक्रोशित लोगों का कहना है कि सरकार की लापरवाही कि वजह से ही इतना बड़ा हादसा हुआ. बता दें कि मंगलवार को बेरूत में ‘परमाणु बम’ जैसा धमाका हुआ था. इस हादसे में मरने वालों कि संख्या लगातार बढ़ती जा रहा है.
अब तक की जानकारी के अनुसार, लगभग 150 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 5,000 से अधिक जख्मी हुए हैं. सोशल मीडिया पर इस हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिनसे विस्फोट की भयावहता का पता चलता है. शुरूआती जांच में लापरवाही की बात प्रकाश में आई है. अधिकारियों का कहना है कि 2013 से बेरूत के बंदरगाह पर स्थित एक गोदाम में 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा हुआ था, जिसमें आग भड़कने से यह हादसा हुआ है. गुरूवार को विभिन्न इलाकों में सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन हुए. आक्रोशित लोगों ने कई दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की, जिसके बाद सुरक्षाबलों को भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बेरूत धमाका लेबनानी सरकार अक्षमता को प्रदर्शित करता है. उनका सवाल है कि आखिर किस तरह इतने वर्षों तक 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट कार्गो में पड़ा हुआ रहा और उस पर किसी की नज़र नहीं गई? सरकारी मीडिया के मुताबिक, गुरुवार को बड़े पैमाने पर लोग केंद्रीय बेरूत में इकठ्ठा हुए और यहां से संसद तक मार्च निकाला. इस दौरान, उन्होंने जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की और सरकार के खिलाफ नारे लगाए.
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