वॉशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड (Gorge floyd) की मौत के बाद शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसी दौरान बुधवार को कुछ शरारती तत्वों ने वॉशिंगटन डीसी में स्थित भारतीय दूतावास में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया. सूत्रों के अनुसार, वॉशिंगटन की पुलिस ने दोषी व्यक्तियों के खिलाफ छानबीन शुरू कर दी है. अमेरिका ने इस मामले में भारत से खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी है.
भारतीय दूतावास ने अमेरिका के सामने इस मामले को उठाया था. भारतीय दूतावास ने इस सम्बन्ध में मेट्रोपोलियन पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर, 2014 को वॉशिंगटन डीसी में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी. प्रदर्शनकारियों ने इसी प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की है. अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर प्रदर्शनकारियों से भरी सड़कों को सेना का 'युद्ध मैदान' कहने के लिए आलोचनाओं के दायरे में हैं और उन पर सेना को सियासत से दूर रखने में विफल रहने का आरोप लगाया जा रहा है.
एस्पर ने बुधवार को देश में सड़कों पर प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना का पूरी तरह उपयोग करने की ट्रम्प की चेतावनियों से दूरी बना ली थी. राष्ट्रपति ने संकेत दिया था कि यदि राज्य के गवर्नर हिंसा नहीं रोक सके तो वह सभी मुहैया सैन्य बलों का इस्तेमाल करेंगे. हालांकि एस्पर ने बुधवार को पेंटागन के उस फैसले को बदल दिया कि वाशिंगटन इलाके से ड्यूटी पर तैनात सैकड़ों सैनिकों को घर पहुँचाया जाएगा.
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