शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर पूरे एशिया प्रशांत में विरोधी बिगुल फूंका गया. इसमें जंगल की आग के धुएं में पूरी तरह ढका सिडनी इस वैश्विक विरोध प्रदर्शन का अगुवा रहा.16 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के आह्वान पर एशिया प्रशांत के तमाम शहरों में सैकड़ों जलवायु कार्यकर्ता रूढ़िवादी लिबरल पार्टियों के दफ्तरों के बाहर हाथों में तख्तियां लेकर पहुंचे.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सबसे बड़ा प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया में हुआ जहां दक्षिण पूर्व में स्थित सिडनी पिछले कुछ हफ्तों में जंगल की आग के भयानक मंजर से गुजर रहा है. सूखा, भीषण गर्मी, शुष्क मौसम और तेज हवाओं के कारण यहां जंगल की झाड़ियों ने कुछ हफ्ते पहले आग पकड़ दी थी जो लगातार भड़कती गई और भारी नुकसान हुआ.
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हाल ही में दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी, दिल्ली में पर्यावरण मंत्रालय के बाहर 50 से अधिक स्कूल कालेजों के छात्रों ने विरोध में मार्च निकाला.इन्होंने सरकार से दिल्ली में जलवायु आपातकाल घोषित करने की मांग की. 23 वर्षीय सौम्या चौधरी ने कहा, सरकार को दखल देते हुए इस मुद्दे पर लोगों से बात करनी चाहिए. यूएन के मुताबिक दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 भारत के हैं. इसलिए अब गंभीर होने की जरूरत है.सिडनी में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इस मुसीबत से निजात दिलाने और सचेत होने वाले नारे लगाए. इन्होंने हाथों में तख्तियां ले रखीं थीं जिनपर लिखा था, ‘आप हमारे भविष्य को जला रहे हैं.
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