नई दिल्ली: देश में महंगाई दर (Inflation Rate) लगातार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्धारित लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है. इसे नियंत्रित में करने के लिए इस साल अब तक केंद्रीय बैंक रेपो रेट (Repo Rate) में 4 बार वृद्धि कर चुका है. इस बीच RBI ने रिपोर्ट जारी करते हुए राहत भरी खबर दी है. दरअसल, इसमें कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में महंगाई की मार से जनता को निजात मिल सकती है और मुद्रास्फीति दर कम होकर 5.2 फीसदी पर आ सकती है.
महंगाई के निरंतर उच्च स्तर पर रहने से जहां आम लोगों का बजट बिगड़ रहा है, तो वहीं रिज़र्व बैंक के लिए भी यह बड़ी चिंता का सबब बन चुकी है. देश में महंगाई दर लगातार 8 माह से रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य के ऊपर 7 फीसदी पर बनी हुई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, RBI की नई रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि वर्षा के सामान्य रहने और सप्लाई चेन में समस्याएं दूर होने की वजह से अगले वित्त वर्ष में महंगाई दर नियंत्रण में आ सकती है. इसमें कहा गया है कि अप्रैल 2023 से आरंभ होने वाले वित्त वर्ष में Retail Inflation कम होकर 5.2 फीसदी के स्तर पर पहुंचने की संभावना है.
RBI की 'मौद्रिक नीति रिपोर्ट सितंबर 2022' में कहा गया है कि सामान्य मानसून, आपूर्ति श्रृंखला में उत्पन्न हुई समस्याएं दूर होने और कोई बाहरी या नीतिगत झटका नहीं लगने की स्थिति में वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई 6 फीसदी से नीचे आ सकती है. यानी RBI की रिपोर्ट से ये तो स्पष्ट है कि इस साल के बचे हुए 2-3 महीने तक जनता को और महंगाई की मार झेलना ही पड़ेगी. हालांकि, रिपोर्ट में इस मौजूदा वित्त वर्ष में भी खुदरा महंगाई (Retail Inflation) में मामूली कमी का अनुमान जाहिर किया गया है. इसमें कहा गया है कि यह 6.7 फीसदी रह सकती है.
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