गुरुवार को देश में सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है. इस हमले ने पूरे देश के साथ दुनियाभर के और भी कई देशों को हिलाकर रख दिया है. ये आतंकी हमला जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुआ जिसमे करीब 44 जवान शहीद हो गए. इस हमले के बाद अमेरिका, रूस और फ्रांस समेत दुनियाभर के कई देशों ने निंदा की और कहा है कि आतंकवाद के खतरे से लड़ने के लिए वे भारत के साथ खड़े हैं.
जानकारी के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन आतंकी ने आईईडी विस्फोटकों से लदी गाड़ी से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी. ये आत्मघाती हमला लेथपोरा कस्बे के नजदीक श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर हुआ है. सीआरपीएफ जवानों की कई गाड़ियों का काफिला सड़क से गुजर रहा था. हमले के बाद अमेरिका ने आतंकी हमले की निंदा की और साथ ही ये भी कहा कि आतंकवाद को खत्म करने में वह भारत के साथ खड़ा है.
हमले के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने ट्वीट कर कहा कि, 'भारत में अमेरिकी दूतावास जम्मू कश्मीर में गुरुवार के आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता है. पीड़ितों के परिवारों के प्रति हम शोक संवेदना जताते हैं.' अमेरिका के साथ ही रूस ने भी इस आतंकी हमले की निंदा की. उसने अपने एक बयान में कहा कि, 'बिना किसी दोहरे मानदंड के एक निर्णायक और सामूहिक प्रतिक्रिया के साथ ऐसे ‘अमानवीय कृत्यों’ का सामना करने की जरूरत पर जोर दिया.'
साथ ही भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंड्रे जिगलर ने इस हमले के बारे में कहा कि, 'फ्रांस जम्मू-कश्मीर में हुए जघन्य हमले की कड़ी निंदा करता है.' जर्मनी ने भी इस आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि वह अपने रणनीतिक सहयोगी भारत के साथ खड़ा है. इन देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, तुर्की और चेक रिपब्लिक ने भी इस हमले की निंदा की है. हमले के बाद भारत के पडोसी देश बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव ने एक साथ मिल कर आतंकवाद के खतरे का सामना करने का संकल्प जताया.
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