मध्य प्रदेश सरकार राज्य में रोजगार गतिविधयों को बढ़ाने के लिए नए कदम उठाने जा रही है. दअरसल प्रदेश सरकार ने रोजगार कार्यालयों को निजी हाथों में दे दिया है. ये फैसला इसलिए लिया गया है ताकि राज्य में रोजगार गतिविधियों को बढ़ाया जा सके. प्रदेश के ये रोजगार कार्यालय अब प्लेसमेंट सेंटर के रूप में पहचाने जाएंगे.
मध्य प्रदेश सरकार ने इसके लिए एक निजी कंपनी के साथ एमओयू भी किया है. ये कंपनी पुणे की है. अब ये कंपनी प्लेसमेंट सेंटर को संचालित करेगी और प्रदेश के युवाओं को रोजगार देना भी सुनिश्चित करेगी. प्रदेश के जबलपुर, रीवा, ग्वालियर, सागर और भोपाल, इंदौर, उज्जैन, होशंगाबाद, शहडोल, धार, खरगौन, देवास, सिंगरौली, सतना, कटनी जिले शामिल है. इन जिलों का चयन औद्योगिक गतिविधियां के चलते किया गया है.
इस संबंध में राज्यमंत्री दीपक जोशी ने बताया है कि पुणे की यशस्वी एकेडमी फॉर टेलेंट मैनेजमेंट कंपनी और रोजगार विभाग के बीच अनुबंध किया गया है. यशस्वी एकेडमी फॉर टेलेंट मैनेजमेंट कंपनी इन प्लेसमेंट सेंटर को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड के आधार पर चलाएगी. राजयमंत्री ने ये भी कहा है इन प्लेसमेंट सेंटर में प्रदेश के युवाओं को रोजगार दिलवाने के कार्य प्रमुखता से किये जाएंगे.
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