दुनिया में कई सालों से समलैंगिकों के अधिकारों और सजा के लिए लम्बी बहस चल रही है. हालाँकि पिछले 200 सालो के इतिहास पर एक नजर डाले तो यहाँ समलैंगिकों के लिए हालात में काफी सुधार भी आया है. कुछ देशों ने समलैंगिकों के लिए आजादी के रास्ते खोले है वहीं कुछ देश आज भी इस जुर्म के लिए मौत की सजा देते है. आइए जानते है कुछ ऐसे देशों के बारे में जहाँ ऐसे मामलों में मौत की सजा का प्रावधान है.
ईरान: इस देश में 1970 में समलैंगिकों के लिए सब कुछ ठीक था लेकिन 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद देश में सिविल कोड लागू कर दिया गया था. ईरान में सिविल कोड के आर्टिकल नंबर 108 से 140 तक इन ऐसे जुर्मों को लेकर सजा का प्रावधान है. जिसमें मौत की सजा भी है वहीं 18 साल से कम उम्र के बच्चों को मौत की सजा नहीं दी जाती है.
सऊदी अरब: समलैंगिकों के लिए सऊदी अरब का कानून किसी नर्क से कम नहीं है. यहाँ पर ऐसे जुर्म को लेकर मौत की सजा दी जाती है. हाल ही में सऊदी अरब में दो पाकिस्तानी युवकों के पकडे जाने के बाद उन्हें पत्थरों से पीट-पीटकर मार दिया गया.
नाइजीरिया: यहाँ पर दो तरह के कानून काम करते है. सन् 1901 से लागू फेडरल लॉ के अनुसार ऐसे मामलो में यहाँ 14 साल की सजा दी जाती है. वहीं नाइजीरिया के करीब 14 राज्यों में शरीया कानून काम करता है, जहाँ मौत की सजा का प्रावधान है.
मॉरिटेनिया: इस देश में 1983 क्रिमिनल कोड की धारा 308 के लिए सभी महिलाओं और पुरुषों के लिए समलैंगिक संबंध बनाना अप्राकृतिक बताया गया है. ऐसे में यहाँ पर पत्थरों से मारकर हत्या कर दी जाती है.
सूडान: सूडान में अपराधिक एक्ट 1991 की धारा 19, 20, 148, 151 और 152 के अनुसार पहली और दूसरी बार पकड़े जाने पर करीब पांच साल की सजा और कोड़े मारे जाते है. वहीं तीसरी बार पकड़े जाने के बाद यहाँ पर मौत की सजा दी जाती है.
कुछ ऐसे इन देशों के कानून, जहाँ पर समलैंगिकों के लिए रहना तो दूर एक साँस लेना भी मुसीबत खड़ी कर सकता है.
इस पार्टी में होती है अय्याशी की सारी हदें पार