अमृतसर: भगवंत मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने नई आबकारी नीति को हरी झंडी दे दी है। बुधवार (8 जून 2022) को पंजाब कैबिनेट की बैठक में अंग्रेजी शराब और बीयर का कोटा समाप्त कर दिया गया है, यानी अब कंपनियाँ जितनी चाहे शराब बना सकती हैं। इससे पंजाब में शराब की कीमतों में 30 से 40 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मीटिंग में नई आबकारी नीति के तहत 9647.85 करोड़ राजस्व का टारगेट तय किया गया। नई नीति से गत वर्ष की अपेक्षा 40 प्रतिशत अधिक राजस्व होने का अनुमान है। नई आबकारी नीति के तहत बीयर और देश में निर्मित होने वाली विदेशी शराब को सस्ता कर दिया जाएगा। गत वर्ष यह कोटा 4.80 करोड़ बोतलों का था। इसी प्रकार बीयर का भी कोई कोटा नहीं होगा। गत वर्ष 3.28 करोड़ बोतल बियर बिकी थीं। वहीं, देसी शराब का कोटा 6.30 करोड़ प्रूफ लीटर ही रहेगा। राज्य की AAP सरकार का दावा है कि शराब के भाव कम होने के चलते, पड़ोसी राज्यों से तस्करी नहीं होगी।
बताया जा रहा है कि पंजाब सरकार ने अंग्रेजी शराब पर लगने वाली आबकारी ड्यूटी को 350 फीसदी से कम करते हुए 150 फीसदी कर दिया गया है। इसके साथ ही देसी शराब पर इसे 250 से कम करके एक फीसदी कर दिया गया है। इससे पंजाब में शराब के दाम, अब पड़ोसी राज्यों के बराबर हो जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह नीति 1 जुलाई, 2022 से 31 मार्च 2023 तक 9 महीनों तक के लिए प्रभावी रहेगी। बता दें कि दिल्ली की AAP सरकार ने भी नई आबकारी नीति के तहत शराब सस्ती की है और अब वही काम भगवंत मान करने जा रहे हैं।
बता दें कि नई आबकारी नीति के तहत ठेकों का आवंटन ई-टेंडरिंग के माध्यम से होगा। प्रणाली निष्पक्ष और पारदर्शी रहे इसके लिए शराब के ठेकों को 177 ग्रुप में बाँटा गया है। एक ग्रुप का कारोबार लगभग 30 करोड़ होगा और पंजाब में 6378 ठेके होंगे। पीएमएल को छोड़कर हर किस्म की शराब की आबकारी ड्यूटी थोक कीमत की एक प्रतिशत के हिसाब से वसूली जाएगी।
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