पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भगत सिंह के शहीदी दिवस 23 मार्च को राजकीय अवकाश घोषित किया है। जी दरअसल उन्होंने बीते मंगलवार को यहां पंजाब विधानसभा में यह घोषणा की। आप सभी को बता दें कि इस दौरान सदन ने विधानसभा में भगत सिंह, डॉ. बी आर आंबेडकर और पहले सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमाएं लगाने का प्रस्ताव भी पारित किया। इसी के साथ विधानसभा सत्र के समापन दिवस पर मान ने भगत सिंह के शहीदी दिवस पर राज्य में अवकाश घोषित करने का प्रस्ताव दिया।
वहीं इस पर कांग्रेस विधायक अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि, 'अवकाश घोषित करने के बजाय यह अच्छा होगा अगर स्कूल, कॉलेज में छात्रों और कर्मचारियों को भगत सिंह के जीवन और बलिदान के बारे में बताया जाए।' हालाँकि वारिंग के बयान पर मान ने पूर्व परिवहन मंत्री से पूछा कि, 'क्या वह जानते हैं कि भगत सिंह का जन्म कब हुआ था?' इस पर मान ने विधानसभा में कहा, ‘आप (वारिंग) इस बारे में नहीं जानते हैं? यह 28 सितंबर है। इस दिन शहीद के जीवन के बारे में बताने के लिए स्कूल तथा कॉलेज में नाटक आयोजित किए जाएंगे।’
वहीं विधानसभा सत्र के बाद वारिंग ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘भगवंत मान जी, अधूरा ज्ञान अज्ञानता से ज्यादा खतरनाक होता है… शहीद ए आजम भगत सिंह की जयंती 27 सितंबर को है या जैसा आपने कहा उसके अनुसार 28 सितंबर को? कौन सही है? आप या अरविंद केजरीवाल?’ आप सभी को बता दें कि इसके बाद वारिंग ने अपने ट्वीट के साथ केजरीवाल का एक पुराना ट्वीट साझा किया जिसमें भगत सिंह की जयंती 27 सितंबर को बताई गई है। हालाँकि इससे पहले, मान ने विधानसभा में भगत सिंह और डॉ बी आर आंबेडकर की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव दिया। मान के प्रस्ताव की सराहना करते हुए, कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने आग्रह किया कि महाराजा रणजीत सिंह की भी प्रतिमा लगाई जाए।
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