अमृतसर: पंजाब के सीएम और कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान की धारा 370 को हटाने के प्रस्ताव पर विरोध जताया है. इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि बगैर किसी कानूनी प्रावधान के संविधान को फिर से लिखा गया है. ऐसे ऐतिहासिक फैसले इस तरह से मनमानी ढंग से नहीं लिए जाने चाहिए.
वहीं, सपा नेता रामगोपाल यादव ने उच्च सदन में कहा कि, "अगर आप धारा 370 को हटाना चाहते हैं तो आपको सिर्फ यही करना चाहिए था, आपने राज्य की स्थिति क्यों बदली और इसे केंद्र शासित प्रदेश क्यों घोषित किया? आपको कम से कम प्रदेश के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था? एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने केंद्र के प्रस्ताव पर बयान देते हुए कहा कि, "मुझे लगता है कि केंद्र सरकार को कश्मीर के पहले नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए था, किन्तु दुर्भाग्य से सरकार ने ऐसा नहीं किया और तभी सरकार को यह धारा 370 को हटाने का फैसला लेना चाहिए था."
इससे पहले, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान की धारा 370 को हटाने के लिए उच्च सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य अब दो केंद्र शासित प्रदेशों -लद्दाख और जम्मू कश्मीर- में बंट जाएगा. जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी, किन्तु लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. राज्यसभा में इस ऐतिहासिक ऐलान के बाद हंगामा शुरू हो गया.
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