पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को एक बार फिर बताया कि प्रदेश में किसानों को फ्री बिजली वापस लेने का कोई प्रश्न ही पैदा नहीं होता.उन्होंने बताया कि फ्री विघुत तब तक जारी रहेगी, जब तक वह सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.
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मुख्यमंत्री ने बताया कि हालांकि, मोंटेक सिंह आहलुवालिया की अध्यक्षता वाले जानकारों के समूह की रिपोर्ट प्रारंभिक है, फिर भी उनकी गवर्नमेंट किसी भी जानकारों की फ्री बिजली वापस लेने की सिफारिश को स्वीकार नहीं करेगी.मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने कहा, ‘जब तक मैं यहां हूं, ट्यूबवेल के लिए फ्री बिजली जारी रहेगी.’उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने कोविड के बाद पंजाब की आर्थिक उन्नति के लिए रणनीति तैयार करने के लिए मोंटेक सिंह आहलुवालिया के नेतृत्व में विशेषज्ञों का समूह गठित किया है.मुख्यमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम चर्चा के दौरान, मोंटेक सिंह आहलुवालिया ने भी स्पष्ट किया कि जानकारों की रिपोर्ट किसान विरोधी नहीं है.
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मीडिया रिपोर्टों में जो बताया गया, वह भ्रामक है.जानकारों ने सुझाव दिया है कि पंजाब के कृषि विकास के लिए फसल विविधता ही एकमात्र आशा है.आहलुवालिया ने बताया कि विशेषज्ञों के समूह ने सिफारिश की थी कि किसानों को धान चक्र से बाहर निकालने के लिए रियायतें दी जानी चाहिए.क्योंकि पानी की अधिक खपत वाली फसलें भले ही किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी होती हैं, लेकिन यह पर्यावरण के लिहाज से बहुत बड़ा नुकसान भी हैं.कृषि विविधीकरण का मतलब धान के इलाकों को कम करना और विपणन को आधुनिक बनाना है जो प्राइवेट सेक्टर की प्रमुख भूमिका को इंगित करता है.
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