पंजाब : क्या बिना मजदूर धान की बुआई का मिल गया है रास्ता ?

पंजाब : क्या बिना मजदूर धान की बुआई का मिल गया है रास्ता ?
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पंजाब के कपूरथला में कर्फ्यू-लॉकडाउन की वजह से श्रमिक यूपी-बिहार लौट रहे हैं. इससे प्रदेश में धान की बुआई पर असर पड़ने का अंदेशा जताया जा रहा है. इसलिए कपूरथला के गांव नानो मल्लियां के किसान जगतार सिंह जग्गा ने ऐसी देसी ‘जुगाड़’ तकनीक से मॉडल बनाने का दावा किया है, जिससे एक दिन में 100 एकड़ में बिना लेबर के धान की पनीरी मैट पर बीजना संभव है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस जट्ट का जुगाड़ यदि कामयाब रहा तो सूबे में धान की बुआई के लिए लेबर की किल्लत हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी. किसान जगतार सिंह के इस मॉडल की कार्यशैली और आउटपुट देखकर एक बारगी कृषि विभाग कपूरथला के अधिकारी भी हैरान रह गए. किसान के अनुसार, यह पनीरी मैट पर बीजी जाती है, जिसे खेत में केवल पेडी ट्रांसप्लांटर से ही कम लेबर से भी रोपा जा सकता है. लेकिन यह पनीरी मजदूर नहीं बीज सकेंगे.

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अपने बयान में किसान जगतार सिंह ने बताया कि यह मशीन ट्रैक्टर के साथ चलती है और एक समय पर पांच काम करती है- भाव प्लास्टिक की शीट बिछाना, छानी हुई मिट्टी को शीट पर डालना, पानी के साथ मिट्टी को गीला करना, जिससे बीज के लिए बैड तैयार हो सके, फिर इस बैड पर बीज डालना और आखिर में बैड पर पड़े बीज को हलकी मिट्टी की परत के साथ ढक्कना. वही, एक दिन में यह मशीन 100 एकड़ में मैट वाली पनीरी बीज सकती है. किसानों की तरफ से महज छानी हुई मिट्टी, बीज और लेबर का प्रबंध किया जाता है. इस तरह पांच मजदूर एक दिन में 100 एकड़ तक की पनीरी बीज सकते हैं.

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