चंडीगढ़: सेंट्रल गवर्मेंट द्वारा एक अध्यादेश जारी कर निर्धारित किए नए एग्रीकल्चर बिल के विरोध में अलग-अलग कृषक संगठनों ने सोमवार को अमृतसर-दिल्ली नेशनल राजमार्ग के अंतर्गत आते ब्यास पुल पर मार्ग अवरुद्ध कर दिया। अमृतसर-जालंधर को जोड़ने वाले इस पुल पर बैठे कृषको ने केंद्र के विरुद्ध खूब नारेबाजी की। वहीं मार्ग जाम होने की वजह से पुल के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइन लग गईं।
वही ट्रैफिक जाम होने की तहरीर प्राप्त होते ही थाना ढिलवां के सब इंस्पेक्टर हरजिंदर सिंह अत्यधिक पुलिस के बल के साथ ब्यास पुल पर पहुंचे। उन्होंने वाहन चालकों को दूसरे मार्ग से निकलवाया। गांवों की ओर के इस रूट की वजह से वाहन चालकों को बहुत दिक्कत झेलनी पड़ी। देर शाम समाचार लिखे जाने तक किसान संगठनों का ब्यास पुल पर धरना जारी रहा। पुलिस अफसर उनसे मार्ग खोलने का निवेदन करते रहे किन्तु कृषको ने उनकी नहीं सुनी।
वही सोमवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष तालमेल समिति के आह्वान पर विभिन्न कृषक जत्थेबंदियों ने अनाज मंडी में रोष रैली की। सेंट्रल गवर्मेंट द्वारा पास खेती अध्यादेशों का जोरदार विरोध करते हुए इन्हें वापस लेने सहित बिजली संशोधन बिल 2020 को स्थगित करने की डिमांड की गई। अखिल भारतीय किसान संघर्ष तालमेल समिति के पंजाब चैप्टर के प्रधान डॉ। दर्शन पाल ने कहा कि सेंट्रल गवर्मेंट द्वारा पास खेती अध्यादेशों ने जहां सारे देश के कृषकों में बड़े लेवल पर बेचैनी, क्रोध तथा असुरक्षा उत्पन्न की है, वहीं खास तौर पर पंजाब एवं हरियाणा के कृषकों में भयंकर क्रोध है। वही मामले को धीरे-धीरे शांत किया जा रहा है।
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