चंडीगढ़: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कदम उठाने वाला पंजाब पहला सूबा बन गया है. आज राज्य की कांग्रेस सरकार ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में विधानसभा में तीन बिल पेश किए. सिंह द्वारा पेश किए तीन बिल, किसान उत्पादन व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विशेष प्रावधान एवं पंजाब संशोधन विधेयक 2020, आवश्यक वस्तु (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 और किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 हैं.
पंजाब सरकार द्वारा पेश किए गए बिलों में कहा गया है कि यदि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम उनकी फसल खरीदी तो तीन साल की जेल हो सकती है. यदि कोई कंपनी या व्यक्ति किसानों पर जमीन और फसल को लेकर कोई दबाव डालती है तो उसे जेल काटनी पड़ सकती है. विधेयक में केंद्र के कानूनों की आलोचना करते हुए कहा कि इन विधेयकों के अलावा कृषि बिल में जो संशोधन किए गए हैं, वे भी किसान और मजदूरों के खिलाफ हैं.
सीएम अमरिंदर ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि राज्य का विषय है, किन्तु केन्द्र ने इसे नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने कहा है कि, 'मुझे ताज्जुब होता है कि आखिर भारत सरकार करना क्या चाहती है.' पंजाब सरकार के प्रस्ताव में केंद्र से कहा गया है कि वह किसानों के कानून पर नया अध्यादेश लाए जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागू किया जाए.
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