चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के विरोध के दौरान मारे गए 76 किसानों के परिवार के सदस्य को रोजगार प्रदान करेगी। सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर 'AskCaptain' लाइव सत्र के बीसवें संस्करण को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र के कानूनों में संशोधनों को संसद में बिना चर्चा के लाने के लिए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, "मुझे एक रिपोर्ट मिली है कि तीन कृषि कानूनों के विरोध के दौरान 76 किसानों का निधन हो गया है। उन्होंने कहा, आज मैं घोषणा करता हूं कि हम पंजाब के उन लोगों के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करेंगे जिन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन में जान गंवाई।" "क्या इस देश में कोई संविधान है? कृषि अनुसूची 7 के तहत राज्य का विषय है। संसद में चर्चा के बिना केंद्र ने इसे क्यों बदल दिया? उन्होंने इसे लोकसभा में पारित कर दिया क्योंकि उनके पास अधिक सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में यह अराजकता में पारित किया गया था क्योंकि उन्हें लगा कि चीजें गलत हो सकती हैं।
विरोध कर रहे किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के प्रतिनिधियों के बीच ग्यारहवें दौर की चर्चा शुक्रवार को समाप्त होते ही गतिरोध बरकरार रहा । बैठक के दौरान सरकार ने किसान यूनियनों से कहा कि वे यदि उनके पास बेहतर प्रस्ताव है तो आ सकते हैं, अन्यथा उन्हें कानूनों के कार्यान्वयन को लगभग डेढ़ साल के लिए स्थगित करने के अपने प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहिए।हालांकि गुरुवार को आंदोलनकारी किसान यूनियनों ने नए कृषि कानूनों को करीब 18 महीने के लिए होल्ड पर रखने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर जोर दिया था। बीकेयू पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने बैठक के बाद कहा कि अगले दौर की बातचीत के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है।
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