अमृतसर: हालिया परिस्थिति में कोरोना काल में वैक्सीन ही एकमात्र हथियार है, जो कोरोना के गंभीर होने से बचाने में सहायक है. ऐसे में राज्य और केंद्र सरकारें अधिक से अधिक लोगों को जल्द से जल्द टीका लगवाने को लेकर लगातार कोशिश कर रही हैं. इसी क्रम में पंजाब सरकार ने फैसला लिया है कि 15 सितंबर के बाद जिन सरकारी कर्मचारियों ने टीके का एक भी डोज नहीं लिया है, उन्हें छुट्टी पर भेज दिया जाएगा.
हालांकि, यह फैसला उन लोगों पर लागू नहीं होगा जिन्होंने किसी बीमारी के चलते वैक्सीन नहीं लगवाई है. इस सख्त फैसले का ऐलान सीएम अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को किया, ताकि राज्य की जनता को संक्रमित होने से बचाया जा सके और ये सुनिश्चित किया जा सके कि टीका न लगवाने वालों की गलतियों का भुगतान वैक्सीनेटेड लोगों को न करना पड़े. शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक में सीएम अमरिंदर ने कहा डेटा के अनुसार, ये स्पष्ट पता चलता है कि वैक्सीन असरदार है.
सीएम अमरिंदर ने आगे कहा कि सरकारी कर्मचारियों को टीका लगाए जाने के लिए कई विशेष प्रयास किए जा रहे हैं और जो लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं उन्हें वैक्सीन की पहली खुराक न लगवाने तक छुट्टी पर भेजा जाएगा. इस दौरान चार हफ्ते से पहले वैक्सीन का खुराक ले चुके शिक्षकों और अन्य स्टाफ को भी ड्यूटी पर वापस लौटने की अनुमति होगी, किन्तु उन्हें साप्ताहिक आधार पर नेगेटिव RTPCR टेस्ट रिपोर्ट जमा करानी होगी.
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