अमृतसर: पंजाब के तरनतारन जिले के सरहाली कलां पुलिस स्टेशन पर विगत शनिवार को रॉकेट लॉन्चर से हमला हुआ था। पंजाब में पिछले 13 महीनों में भारतीय सेना और राज्य की पुलिस पर ये छठा हमला है। इसके सुराग मोहाली में विगत 9 मई को हुए हमले से मिलते हैं। पुलिस ने अब तक इसमें आतंकी एंगल की बात से इनकार नहीं किया है, मगर इससे पहले भी जो हमले हुए थे, उन सभी के मास्टरमाइंड गैंगस्टर और तस्कर थे।
DGP गौरव यादव का कहना है कि यह स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान ने भारत को हजारों जख्म देने की रणनीति बना रखी है। बताया जा रहा है कि तरनतारन में हमला करने के लिए उपयोग किए गए मिलिट्री ग्रेड के हथियार ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान के रास्ते तस्करी किए गए थे। इस मामले में पुलिस ने UAPA के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने पूछताछ के लिए 7 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और मौके से रॉकेट और रॉकेट लॉन्चर मिला है, जो पुलिस के मुताबिक सैन्य ग्रेड हार्डवेयर है। इन्हें संभवतः पाकिस्तान के जरिए तस्करी कर लाया गया था। ख़ुफ़िया एजेंसियों ने पिछले 15 अक्टूबर को एक अलर्ट जारी किया था। इसमें कहा गया था कि आतंकी, पुलिस और अन्य प्रतिष्ठानों को टारगेट कर सकते हैं, मगर पंजाब पुलिस और राज्य सरकार द्वारा इस अलर्ट की अनदेखी की गई।
अधिकारियों ने सभी थानों को एंट्री गेट पर स्थायी गार्ड तैनात करने के अतिरिक्त स्टेशनों के बाहर माउंटेड लाइट मशीन गन लगाने के लिए भी कहा था। पुलिस थानों को भी प्रवेश द्वारों पर चेक पोस्ट बनाने का निर्देश दिया गया था, मगर सरहाली में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई। यहां CCTV कैमरे भी काम नहीं कर रहे थे।
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