अमृतसर: पंजाब में आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं है। इस दौरान 7 किसान जख्मी हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल में एडमिट कराया गया है। इनमें से 6 किसानों की हालत नाजुक बताई जा रही है। राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने के बाद पहली बार किसानों पर लाठीचार्ज किया गया है। ये किसान ‘भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां)’ के बैनर तले बर्बाद हो चुकी कपास की फसल के लिए मुआवजा माँग रहे थे। बीकेयू उगराहां ने आरोप लगाते हुए कहा है कि लांबी में हुए लाठीचार्ज के दौरान सात किसान जख्मी हो गए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के नेतृत्व में किसानों ने लांबी के नायब तहसीलदार समेत अन्य स्टाफ को कार्यालय में बंधक बना लिया था। पंजाब पुलिस ने सोमवार (28 मार्च, 2022) देर रात 12 बजे किसानों पर लाठीचार्ज कर नायब तहसीलदार और स्टॉफ को छुड़ाया। नायब तहसीलदार अरजिंदर सिंह और स्टाफ के बाहर आने के बाद अब पूरे राज्य के तहसीलदार हड़ताल पर चले गए हैं। मलोट के SDM प्रमोद सिंगला ने किसानों की माँग को गलत ठहराते हुए कहा कि 10 गाँव के लोग यहाँ आकर विरोध कर रहे हैं। उनके द्वारा 50 प्रतिशत कपास की फसल नष्ट होने का झूठा दावा किया जा रहा है।
वहीं, BKU उगराहां के नेता गुरपक्ष का कहना है कि पुलिस के लाठी चार्ज में सात किसान घायल हुए हैं और उन्हें लांबी के सरकारी अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। गुरपक्ष ने यह भी दावा किया है कि किसानों की फसल गुलाबी सुंडी के कारण खराब हो गई थी। किसानों का इल्जाम है कि गुलाबी सुंडी से खराब हुई नरमा की फसल के मुआवजे के मामले में मुक्तसर जिले को अनदेखा किया गया है। मुक्तसर जिले में ज्यादातर नरमा की खेती लांबी ब्लॉक में ही होती है। गिरदावरी में लांबी ब्लॉक के सिर्फ छह गाँवों को ही शामिल किया गया और उन्हें भी अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया, जबकि अन्य लगभग 30 गाँवों को गिरदावरी में शामिल ही नहीं किया।
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