बुधवार को पंजाब मंत्रिमंडल ने उच्च तकनीकी तहकीकात से जुड़ी कार्यों योजना पर फैसला लिया है. उन्होने नागरिक हिस्से से जुड़े विशेषज्ञों की सेवाएं लेने वाली भारत की प्रथम पुलिस होने का रास्ता क्लीन कर दिया. ये नागरिक विशेषज्ञ आईटी /डिजिटल, कानूनी, फॉरेंसिक और वित्तीय विभागों में जांच पड़ताल के केस को सुलझाने में मददगार होंगे.
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बता दे कि पंजाब इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के लिए साधारण कपड़ों वाले सिविलियन सहायक कर्मचारीयों के तौर पर 798 विशेषज्ञों का एडमिशन किया जाएगा. जो भिन्न भिन्न रैंक में जाने वाले कुल 4251 मुलाजिमों की भर्ती का भाग होंगे. इससे जांच के कार्य का अहम तकनीकी पक्ष पुख्ता होगा. यह भर्ती पंजाब पुलिस विभाग के पुनर्गठन का भाग होगी.
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विदित हो कि सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस पुनर्गठन को कैबिनेट ने वीडियों वार्तालाब के माध्यम से हुई मीटिंग में मंजूरी दे दी है. ये पुनर्गठन, जिसमें ब्यूरो की ओर से सब-इंस्पेक्टरों /हेड कांस्टेबलों और कांस्टेबलों के रैंक में सीधेतौर पर भर्ती की जाने वाली है. वही, मौजूदा 4849 पद समाप्त किए जाएंगे, जिससे यह यकीनी बनेगा कि प्रदेश के खजाने पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े. वही, अस्थायी योजना के तौर पर 1481 पुलिस अफसरों की भर्ती की जाएगी, जिसमें 297 एसआई, 811 हेड कांस्टेबल और 373 कांस्टेबल सम्मिलित हैं. इससे भिन्न-भिन्न, जैसे साइबर और आर्थिक अपराधों के लिए वित्तीय किस्म की जांच पड़ताल को सही ढंग से पूरा करने के लिए आवश्यकत विशेषज्ञों की सहायता मिल सकेगी और जांच प्रक्रिया में भी गुणवत्तापूर्ण सुधार आएगा. मौजूदा क्क्त में जांच-पड़ताल की जिम्मेदारी 2015 में स्थापित पंजाब इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के बीच वाले जनरल पुलिस स्टाफ के माध्यम से निभाई जाने वाली है.
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