खालसा पन्थ की स्थापना करने वाले सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह की आज पुण्यतिथि है। इतिहास उन्हें एक कवि, भक्त और आध्यात्मिक गुरु के साथ-साथ एक महान योद्धा के रूप में भी याद करता है। आज उनकी पुण्यतिथि के इस अवसर पर हम आपको उनके अनमोल वचनों से रूबरू करवाते है।
सवा लाख से एक लड़ाऊं,
चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं,
तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं
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यह पंक्ति गुरु गोबिंद सिंह जी की सबसे मशहूर पंक्ति है और आज भी सिख समुदाय के साथ-साथ कई अन्य लोग भी उनकी इन पंक्तियों को सुन कर एक अलग ही ऊर्जा को महसूस करते है।
इसी तरह गुरु गोबिंद सिंह जी के ये विचार भी बेहद मशहूर और प्रेरणादायक है।
-अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे.
-भगवान उन्ही लोगों पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं.
- जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी.
- इंसान से प्रेम करना ही सही मायने में ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
-जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए।
-जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है.
- सबसे महान सुख और स्थायी शांति तब प्राप्त होती है जब कोई अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देता है.
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