लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें RSS, सरकार एवं संगठन के बीच व्यापक चर्चा की गई। इस बैठक में लोकसभा चुनाव में भाजपा को हुए अप्रत्याशित नुकसान की समीक्षा की गई। केरल में होने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आगामी बैठक से पहले संघ ने भाजपा एवं संगठन की समीक्षा के लिए इस बैठक का आयोजन किया था। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गई एवं राज्य से लेकर जिले स्तर तक संघ, संगठन और सरकार के बीच समन्वय बनाए रखने पर जोर दिया गया।
बैठक में विचारधारा के समर्थकों को हर स्तर पर समायोजित करने का निर्णय लिया गया तथा सरकार तथा संगठन के बीच समन्वय को प्राथमिकता दी गई। संघ ने सलाह दी कि सरकार और संगठन के बीच बयानबाजी पर रोक लगाई जाए एवं सभी नेता एकजुट रहें। मतभेदों और मनभेदों को आपस में सुलझाने की नसीहत भी दी गई। फैसला लिया गया कि भाजपा अब बूथ प्रबंधन और जनता से संवाद पर जोर देगी और उपचुनाव में संघ भी भाजपा का समर्थन करेगा। निगम और बोर्ड में पुराने कार्यकर्ताओं और विचार परिवार को प्राथमिकता दी जाएगी। वर्षों से कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जाएगी और दूसरे दलों से आए नेताओं को बाद में समायोजित किया जाएगा।
इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, दोनों डिप्टी सीएम, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री भी शामिल हुए। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ यह संकेत देती है कि यूपी में अब सरकार और संगठन के बीच की रार समाप्त हो गई है। सितंबर के पहले सप्ताह में केरल में होने वाली आरएसएस की बैठक में चुनाव और बीजेपी के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी।
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