आज आपको एक ऐसे मामले बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपकी रूह काँप उठेगी। दरअसल, यह मामला कंवल कय्यूम नाम की एक महिला का है, जिसको बचपन से ही सपना केबिन क्रू की नौकरी करना था। मगर कुछ कट्टरपंथी सोच वाले लोगों के कारण कंवल का ये ख्वाब कभी पूरा ही नहीं हो सका। पाकिस्तान में रहने वाली 40 वर्षीय कंवल के साथ वर्ष 2011 में बहुत दुःख दुर्घटना हुई जिसमें उनके दोस्त ने जलन की वजह से एसिड डालकर उनके पूरे चेहरे को बर्बाद कर दिया। कंवल एयर होस्टेस की नौकरी करना चाहती थी मगर उनका दोस्त नहीं चाहता था कि वह ये नौकरी करें। ऐसे में कंवल को रोकने के लिए गुस्से में आकर उनके दोस्त ने कंवल के पूरे चेहरे को एसिड से बर्बाद कर दिया।
वही इस एसिड अटैक के पश्चात् कंवल की नाक, आईब्रो और यहां तक कि पलकें भी पूरी तरह से बर्बाद हो गईं तथा कंवल को अपनी ड्रीम जॉब को आरम्भ करने से पहले ही छोड़ना पड़ा। इस दुर्घटना के पश्चात् मैनचेस्टर में रहने वाले हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन असीम शाहमलक ने कंवल की बहुत सहायता की तथा उनका मुफ्त में उपचार भी किया। कंवल का उपचार करने के लिए असीम मैनचेस्टर से कराची आए। कराची आने के पश्चात् असीम ने कंवल की दो नई आईब्रो एवं पलकें बनाईं। इसके लिए असीम ने कंवल के स्कैल्प के बालों का उपयोग किया। एसिड अटैक पीड़ितों की सहायता करने की असीम की कोशिशों के लिए उन्हें ब्रिटेन के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन की तरफ से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ शाहमलक के चैरिटी काम की प्रशंसा करते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा था, मुझे पता है कि आप ये सब तारीफ या इनाम के बारे में सोचे बिना करते हैं, किन्तु जिस प्रकार आप पाकिस्तान में एसिड अटैक सर्वाइवर्स की लाइफ चेंजिंग सर्जरी कर रहे हैं, वो प्रशंसा के काबिल है।
कंवल ने कहा, 'मैं डॉक्टर का जितना भी शुक्रिया करूं वो कम है, उन्होंने मेरे चेहरे को पूरी तरह से बदल दिया तथा मुझे अपनी ये नई आइब्रो और नई पलकें बहुत पसंद हैं।' डॉ शाहमलक ने कहा, 'कंवल जैसी बहादुर महिलाओं से मैं शायद ही कभी मिला हूं। यह सुनकर बेहद अच्छा लगा कि कैसे उसने हमले के पश्चात् अपने जीवन को फिर संवारा है तथा अब एक टेक्सटाइल कंपनी में सफलतापूर्वक काम कर रही है।' कंवल से मुलाकात करने के अतिरिक्त डॉ। असीम अपनी एक और मरीज नैज बानो से भी मिले। नैज बानो भी एसिड अटैक सर्वाइवर हैं जिन पर उन्हीं की बेटी की शादी में एसिड फेंका गया था जिसके चलते उनकी बाईं आंख डैमेज हो गई थी। डॉ असीम ने नैज की भी आइब्रो तथा पलकें बनाईं, इस सर्जरी के पश्चात् से नैज ने बहुत तेजी से रिकवर किया और अब वो एक स्टोर में काम कर रही हैं। कंवल और नैज के अतिरिक्त भी पाकिस्तान में ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो इस प्रकार की सर्जरी की प्रतीक्षा कर रही हैं। यहां रहने वाली 19 वर्षीय मारिया अफजल उन्हीं में से एक है। मारिया केवल 2 वर्ष की थीं, जब वह ईंटों से बने गर्म ओवन में गिर गईं तथा उसके सिर के सामने के सारे बाल झड़ गए। कराची आने के पश्चात् असीम एक नए मरीज से भी मिले। 28 वर्षीय मोहम्मद उसमान पेशे से कंप्यूटर डिजाइनर हैं जिन्होंने एसिड अटैक के चलते अपनी आंखें खो दी थीं। इस एसिड एटैक के पश्चात् उसमान ने अपने चेहरे को ठीक करने के लिए 4 सर्जरी भी करवाईं।
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