बॉलीवुड के जाने माने मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर जल्द सिल्वर स्क्रीन पर नए प्रोजेक्ट के साथ लौट रहे हैं। विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द वैक्सीन वॉर में वो दिखाई देंगे। 28 सितंबर को फिल्म रिलीज होगी। आजकल वो फिल्म का प्रमोशन कर रहे हैं। वही वर्षों से इंडस्ट्री में काम कर रहे नाना आज भी अपने रूट्स से जुड़े हुए हैं। उनमें कोई बनावटीपन नहीं आया है। वो शोबाजी में विश्वास नहीं करते। सादी जिंदगी जीते हैं और अपने उसूलों पर चलते हैं। नाना का कहना है कि उन्होंने जिंदगी की रियलिटी को समझा है। वो किसी गलतफहमी में ना ही रहते हैं तथा ना ही दूसरों को रहना चाहिए।
नाना ने कहा- मुझे मृत्यु पर विश्वास है। मुझे 12 मन लकड़ी लगने वाली है, यही मेरी फाइनल प्रॉपर्टी है। इसके साथ मैं चला जाऊंगा। मैंने अपनी 12 मन लकड़ियां रखी हुई हैं। वो सूखी हैं, उसी में मुझे जलाना, गीली लकड़ी मत उपयोग करना, वरना धुआं आएगा, दोस्त लोग जो जमा होंगे उनकी आंख में धुआं लगेगा, फिर आंख से पानी आएगा। ऐसे में मरते समय गलतफहमी होगी कि मेरे लिए रो रहे हैं। कम से कम मरते समय गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। आप मर जाओगे कल को कोई आपको 2-4 दिन बाद याद नहीं करेगा। मैंने तो कह दिया है मेरी तस्वीर भी मत लगाओ। पूरी तरह भूल जाओ, वो बहुत जरूरी है। हम 7 भाई-बहन थे। वो सब गुजर गए बस मैं अकेला रह गया। मां-बाप, भाई-बहन नहीं हैं, तो अब मैं इस दुनिया का नहीं रहा। मेरे सभी वहां दूसरी दुनिया में हैं।''
इंटरव्यू में नाना ने देश के पीएम नरेंद्र मोदी के कामकाज की प्रशंसा की। वो बोलते हैं- मुझे उनका काम बहुत अच्छा लगता है। नरेंद्र मोदी जब सीएम थे तब मैं अहमदाबाद में उनसे मिला था। बहुत देर तक हमारी बातें हुई हैं। अब तो वो बहुत व्यस्त हैं। कुछ समय पहले मैं 'नाम' फाउंडेशन के काम के लिए अमित शाह से मिला था। उन्होंने मेरी बात सुनी और एक व्यक्ति को बुलाकर शाम तक काम कराने को कहा। शाम तक मेरा काम हो गया था। मुझे यहां किसी भी नेता से कभी कोई परेशान नहीं हुई।
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