शास्त्रों में एकादशी व्रत को उत्तम व्रतों में से एक कहा गया है। ये व्रत व्यक्तियों को मोक्ष की तरफ अग्रसर करता है। कहा जाता है कि एकादशी व्रत को रखने से चंद्रमा के खराब असरों से बचाव होता है, साथ ही अन्य ग्रहों के हालात में भी सुधार होता है। किन्तु इस व्रत को पूरे नियमों के साथ रखना चाहिए। 18 अगस्त को श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी अथवा पवित्रा एकादशी के नाम से कहा जाता है। जिन व्यक्तियों को बच्चे की चाह है उनके लिए इस एकादशी का व्रत बेहद लाभदायक है।
एकादशी व्रत रखने से होते ये लाभ:-
शास्त्रों में एकादशी व्रत को इच्छा पूरी करने वाला व्रत बताया गया है। प्रत्येक महीने में दो एकादशी होती हैं। इस प्रकार वर्ष में कुल 24 एकादशी होती हैं। प्रत्येक एकादशी का व्रत एक खास इच्छा की पूर्ति करने वाला है। शास्त्रों में सभी एकादशी व्रत के लिए बताया गया है कि एकादशी व्रत का प्रभाव मन तथा शरीर दोनों पर पड़ता है। इसे रखने से धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है। मनोरोग दूर होते हैं, हार्मोनल दिक्कतें सहित हो जाती हैं तथा मनुष्य के अनेकों पाप कटते हैं तथा वो मुक्ति के मार्ग की तरफ अग्रसर हो जाता है। पुत्रदा एकादशी व्रत को संतान सुख की कामना पूरी करने वाला उपवास माना जाता है। साथ ही ये व्रत मनुष्य के जाने अंजाने किए गए पापों को ख़त्म करने वाला है। इसीलिए इस एकादशी को पवित्रा एकादशी भी कहा जाता है।
पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त:-
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 18 अगस्त 2021 को प्रातः 03:20 बजे
एकादशी तिथि समाप्त- 19 अगस्त 2021 को प्रातः 01:05 बजे
पारण समय- 19 अगस्त को प्रातः 06:32 बजे से 08:29 बजे तक
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