सिंगरौली/ब्यूरो। जिले के पीडब्ल्यूडी ऑफिस को जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर सील कर दिया गया है। कार्यपालन यंत्री पर आरोप है कि डेली वेजेस कर्मियों को अब तक भुगतान नहीं किया गया है। कर्मचारियों ने कोर्ट में दावा किया, जिस पर यह पूरी कार्यवाही की गई है। 1 करोड़ 47 लाख रुपये की राशि बकाया है। एक और आज उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार पीडब्ल्यूडी के कार्यालय को सील कर दिया है।
श्रम न्यायालय सीधी के पारित आदेश के तहत उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा भुगतान के लिए आदेश पारित किया गया था। जिसमें तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी को भी पार्टी बनाया गया. आदेश 2018 में पारित हुआ था, तब से अब तक पीडब्ल्यूडी सिंगरौली के कार्यपालन यंत्री वी एस मरावी के द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने के कारण आज 4 अगस्त को पीडब्ल्यूडी कार्यालय को तहसीलदार के द्वारा सील कर दिया गया है।
बाद में पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री मीडिया के सामने कुछ भी कहने से बचते रहे। हालांकि मीडिया के दबाव के बाद वह कैमरे के सामने आए हैं। कार्यपालन यंत्री वीएस मरावी का कार्यकाल भी 3 वर्ष पूरा हो गया है। इनका अभी हाल में ही 2 माह पूर्व मध्य प्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग भोपाल के द्वारा प्रशासनिक दृष्टि से स्थानांतरण कर दिया गया था, लेकिन शासन के विरुद्ध जाकर उन्होंने उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिया। देवसर विधायक को भी कार्यपालन यंत्री के द्वारा पार्टी बनाया गया है। फिलहाल इस पूरी कार्रवाई से पीडब्ल्यूडी ऑफिस सहित तमाम शासकीय कार्यालयों में भी हड़कंप मच गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पूरी राशि जमा होने के बाद ही कार्यालय को मुक्त किया जाएगा।
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