नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में इस्लामी देश कतर में मौत की सजा दी गई है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। कतर के इस फैसले को "चौंकाने वाला" बताते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह "कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति" को देखते हुए मामले पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करेगा, लेकिन आश्वासन दिया कि वह मुकदमा लड़ेगा।
ये व्यक्ति, जिनमें से कुछ बड़े भारतीय युद्धपोतों की देखरेख करने वाले अत्यधिक सम्मानित अधिकारी थे, डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज नामक एक निजी कंपनी द्वारा नियुक्त किए गए थे। यह फर्म कतर के सैन्य बलों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करती थी। उनकी जमानत याचिकाएं कई बार खारिज कर दी गईं और कतरी अधिकारियों ने उनकी हिरासत बढ़ा दी। आज कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने एक फैसला सुनाया। सजा पाने वालों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि, "मौत की सजा के फैसले से हम गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।" मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि, "हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे।"
बता दें कि, पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित तौर पर जासूसी करने के आरोप में ये सभी पूर्व अफसर अगस्त 2022 से कतर की जेल में हैं। उन्हें कांसुलर पहुंच प्रदान करते हुए, नई दिल्ली उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। ये लोग इसी साल मार्च में सुनवाई के लिए गए थे। हिरासत में लिए गए पूर्व अधिकारियों में से एक की बहन मीतू भार्गव ने अपने भाई को वापस लाने के लिए सरकार से मदद मांगी थी। 8 जून को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की थी। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा था कि, "ये पूर्व नौसेना अधिकारी देश का गौरव हैं और मैं फिर से हमारे माननीय प्रधान मंत्री से हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूं कि अब समय आ गया है कि उन सभी को बिना किसी देरी के तुरंत भारत वापस लाया जाए।" उन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह को टैग किया था।
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