क्वालकॉम की तकनीक का इस्तेमाल एप्पल आईफोन्स की एफिशिएंसी को बेहतर बनाने और कीमत को कम करने के लिए किया करती थी. बताया जाता है कि क्वालकॉम के पेटैंट्स के जरिए ही एप्पल द्वारा iPhone 7, 8 और X का निर्माण किया गया था. लेकिन लेटैस्ट मॉडल्स में क्वालकॉम के पेटैंट्स का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
केस में एप्पल की हुई हार...
एप्पल द्वारा अर्जुन शिव नामक एक इंजीनियर का तर्क देते हुए कहा गया है कि पहले वे एप्पल के लिए काम करते थे और उन्होंने इस टैक्नोलॉजी को बनाने में काफी मदद की था. इसके बाद अर्जुन शिव जो कि अब गूगल के एक कर्मचारी हैं, ने अंतत: सैन डियागो परीक्षण में गवाही नहीं देने का मन बनाया तो फिर इसके बाद ज्यूरी ने एप्पल के तर्क को ठुकरा दिया था और क्वालकॉम के पक्ष में फैसला गया.
एप्पल ने दी यह प्रतिक्रिया
आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस फैसले पर एप्पल के प्रवक्ता जोश रोसेनस्टॉक द्वारा एक बयान में कहा गया है कि हम इस परिणाम से निराश हैं, लेकिन फिर भी हम इस केस को लेकर अपनी सेवा देने के लिए ज्यूरी को धन्यवाद देते हैं.
क्वालकॉम का बयान
इस मामले पर क्वालकॉम के जनरल कौंसुल व कार्पोरेट सैक्रेटरी डॉन रोसेनबर्ग ने अपने बयान में कहा कि पेटैंट का उल्लंघन करने पर पूरी दुनिया के सामने एप्पल के खिलाफ यह उनकी जीत है औरएप्पल ने हमारी टैक्नोलॉजी का बिना भुगतान किए उपयोग किया था, जिस पर हमारे एक्शन के बाद हमें जीत मिली है.
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