इस्लामबाद: पाक अपने कश्मीर राग से मुक्त नहीं हो पा रहा है. अपनी आतंरिक हालात पर ध्यान न देकर वह कश्मीर पर अटपटे बयान देता रहता है. पाकिस्तान लगातार भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्ष्रेप करता रहा है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अतंरराष्ट्रीय बिरादरी ने एक सुर में उसके इस राग को खारिज कर दिया है, लेकिन पाक है कि मानता ही नहीं . पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बार फिर कहा है कि कश्मीर मुद्दा हमेशा की तरह पाकिस्तान की विदेश नीति का हिस्सा बना रहेगा. हालांकि भारत ने इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के नेताओं से मुलाकात के बाद कुरैशी ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थायित्व बनाए रखने के लिए कश्मीर मुद्दा का स्थायी सामाधान आवश्यक है. जंहा इसके पहले पीएम, इमरान खान ने 5 फरवरी 2020 को गुलाम कश्मीर की विधानसभा को संबोधित किया था. बैठक के दौरान, गुलाम कश्मीर के नेता राजा फारूख हैदर खान भी शामिल थे. उन्होंने कश्मीर घाटी में लंबे समय से जारी मीडिया और संचार सुविधाओं पर लगे प्रतिबंध को खत्म करने का आह्वान किया. इससे पहले, पाकिस्तान में बुधवार को ‘कश्मीर एकजुटता दिवस' मनाया गया. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान आयोजन कार्यक्रमों में कश्मीरियों पर जारी अत्याचार का विरोध किया गया और उनके प्रति एकजुटता दिखाई गई.
हर साल 5 फरवरी को ‘कश्मीर एकजुटता दिवस': वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में हर वर्ष 5 फरवरी 2020 को ‘कश्मीर एकजुटता दिवस' मनाया जाता है. जंहा इस दिन देश में सार्वजनिक अवकाश रहता है. भारत ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस ले लिया था. इसको लेकर इस दिन सरकार ने इस पर विशेष जोर दिया था. पाकिस्तान इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठाया था लेकिन उसे हमेशा हार ही मिली. भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसे आंतरिक मुद्दा बताता रहा है और पाकिस्तान को सच्चाई को स्वीकार करने की सलाह दी थी.
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