दुनिया के महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने महज 18 साल की उम्र में ग्रेंड मास्टर का खिताब जीता था. इसके बाद आज के समय शतरंज की दुनिया में राज कर रहे मैगनस कार्लसन न 13 साल चार महीने की उम्र में ये खिताब अपने नाम कर आनंद को पीछे छोड़ दिया था. लेकिन अब एक और भारतीय ने महज 12 साल, दस महीने और 13 दिन की उम्र में दुनिया के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव प्राप्त किया है. शनिवार को इटली में आयोजित ग्रेडिन ओपन प्रतियोगिता में भारत के आर प्रग्गनानंद ने ग्रैंडमास्टर मोरोनी लूका जूनियर को आठ राउंड के मुकाबले में हराकर दुनिया के दुसरे सबसे युवा ग्रैंड मास्टर होने का खिताब जीता है.
Welcome to the club & congrats Praggnanandhaa!! See u soon in chennai?
— Viswanathan Anand (@vishy64theking) June 24, 2018
बता दें कि पहले नंबर पर उक्रेन के सर्जेई करजाकिन का नाम आता है जिन्होंने 2002 में 12 साल सात महीने की उम्र में ग्रैंडमास्टर बनने का रिकॉर्ड बनाया था. एक अंग्रेजी अख़बार से बातचीत में प्राग्गनानन्द ने कहा कि, 'इस उपलब्धि के बाद मैं राहत महसूस कर रहा हूं. शायद अभी भी पूरी तरह समझ नहीं पा रहा हूं. आठवें राउंड में पहुंचने के दौरान किसी ने बताया कि मैं ग्रैंडमास्टर बनने वाला हूं. उससे पहले मुझे नहीं पता था. मैंने इस बारे नहीं सोचा क्योंकि इससे मेरा ध्यान भटक सकता था. मेरा अगला लक्ष्य विश्व चैंपियन बनने का है.'
प्रग्गनानंद की इस उपलब्धि पर पूर्व विश्व चैम्पियन और प्रग्गनानंद के आदर्श विश्वनाथन आनंद ने उन्हें बधाई दी. आनंद ने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'ग्रैंडमास्टर क्लब में तुम्हारा स्वागत है प्रग्गनानंद. जल्द ही चेन्नई में मिलेंगे.'
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