लखनऊ: ताजनगरी आगरा के एक नामचीन व्यापारी का परिवार आज दर-दर की ठोकरें खा रहा है. ये परिवार करोड़ों की संपत्ति का मालिक होने के बाद भी आज गुमनामी के अंधेरे में जीने के लिए मजबूर है. इस परिवार का आरोप है कि उनके देवर ने धोखाधड़ी करके उनके व्यापार को हड़प लिया है, जिसके कारण आज वह अपने बेटे का उपचार सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में कराने के लिए मजबूर हैं.
बता दें कि 'राम बाबू पराठे वाले' यह नाम केवल आगरा में ही नहीं, बल्कि देश के दिग्गज लोगों में भी जाना पहचाना है. देश के कई सेलिब्रिटी और राजनेताओं के यहां होने वाले विवाह समारोहों में राम बाबू पराठे वाले की स्टॉल लग चुकी है. दूर-दराज से लोग रामबाबू के पराठे खाने के लिए आगरा आते रहे हैं, मगर किस्मत का खेल देखिए. जिनके नाम से यह पूरी फर्म चल रही है उनकी पत्नी और बेटे आज दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं. राम बाबू पराठे वाले की पत्नी सावित्री देवी अपना गुजारा करने के लिए लोगों के घरों में काम करती है. गरीबी का आलम ये है कि आज वो बेटे का पैर टूट जाने की वजह से एसएन मेडिकल कॉलेज में उपचार करा रही हैं. सरकारी खर्च पर बेटे का ऑपरेशन हो जाये, तो ठीक, लेकिन ऑपेरेशन कराने के पैसे भी रामबाबू की पत्नी सावित्री के पास नहीं है.
सावित्री देवी का कहना है कि उन्हें अपने पति के नाम की रॉयल्टी तक नहीं मिलती है, देवर से पैसे व हिस्सा मांगते हैं, तो वो मारपीट करते हैं और सभी से कहते हैं कि उन्हें उनका हिस्सा दे दिया है. 'रामबाबू पराठे' के नाम से रेस्टोरेंट सावित्री के पति रामबाबू ने शुरू किया था. इसके बाद पराठा ब्रांड बन गया. रामबाबू पराठे वाले के नाम से ब्रांड काफी लोकप्रिय हुआ और इसे पंजीकृत भी कराया गया, मगर आज इस नाम का लाभ देवर और उसका परिवार उठा रहा है. रेस्टोरेंट बनाने के कुछ वर्षों बाद रामबाबू का देहांत हो गया और उनके भाई रेस्टोरेंट का संचालन करने लगे. राम बाबू पराठे वाले के भाई ने अपनी रेस्टोरेंट और होटल में आज भी उनकी फोटो लगा रखी है. उनकी तस्वीर की पूजा भी की जाती है. सावित्री का आरोप है कि रामबाबू के परिवार को ही घर से बेदखल कर दिया है.
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