कैंसर आज के समय में एक गंभीर बीमारी है और इसका लोग बड़ी जल्दी शिकार हो जाते हैं। हालाँकि हाल ही में WHO की रिपोर्ट में चौकाने वाला दावा किया गया है। जी दरअसल लिवर कैंसर जैसी बीमारी को बढ़ने से रोकने और इसे ठीक करने के लिए आइआइटी बीएचयू, बीएचयू, रूस और रोमानिया के वैज्ञानिकों ने एक उपलब्धि पाई है। क्योंकि इस वैज्ञानिकों की टीम ने एक रिसर्च की है जिसमें पाया गया है कि रातरानी (सिस्ट्रम नाकनर्टनम) के पत्ते का काढ़ा इस बीमारी को ना सिर्फ बढ़ने से रोकता बल्कि पूरे से ठीक भी कर सकने में सक्षम है। जी हाँ, इस वैज्ञानिकों की टीम ने लैब में 5 जीन के बारे में पता लगाया है, जो कैंसर सेल्स के बढ़ने की वजह हैं। वहीं इन पांचों जीन पर रातरानी के काढ़े का प्रभाव देखा गया है।
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जिससे यह पता लगा है कि रातरानी से ये 5 कोशिकांए निष्क्रिय हो रही हैं। इस प्रयोग में जिस रातरानी के पत्ते के काढ़े का इस्तेमाल किया गया वह टिश्यू कल्चर से तैयार किया गया था। यह बीएचयू के आयुर्वेदिक विभाग के हर्बल गार्डन में तैयार किया गया था। आपको बता दें कि इस रिसर्च को अमेरिका के एक साइंटिफिक जर्नल में प्रकाशित किया गया था। जी हाँ और इस रिसर्च टीम में शामिल बीएचयू के प्रदीप कुमार और अमित कुमार सिंह ने जानकारी दी है कि रिसर्च किया जाने वाला रातरानी का पौधा उनके वनस्पति विभाग में कल्चर विधि से विकसित किया गया था।
वहीं इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर इसमें पाए जाने वाले 33 तत्वों को खोजकर यह प्रयोग आगे बढ़ाया गया। ऐसे में खोज में यह पता लगा है कि कैंसर की कोशिकाओं पर इन तत्त्वों का असर हो रहा है। आप सभी को यह भी बता दें कि इन दोनों के साथ इस रिसर्च में एकडमी ऑफ बायोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी, साउथर्न फेडरल यूनिवर्सिटी रूस और फैकल्टी ऑफ मेडिसिन एंड फॉर्मेसी यूनिर्वसिटी ऑफ रोमानिया से विष्णु डी राजपूत, तातिना मिकिना, सिमोना कावालू व ओविडियू पाप शामिल हैं। इसी के साथ इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि लिवर कैंसर के लिए तकरीबन 1800 कारक जिम्मेदार हैं। इसमें से 5 सबसे बड़े कारक हैं टीपी 53, एकेटी 1, ईएसआरआई, सीएएसपी 3 और जेनएन। इस पांच कारकों को कंट्रोल करने वाला तत्व है एपीजेनिन जो इस पत्ते में मौजूद है।
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