पटना: बिहार में बाढ़ से आम जान जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं, इस मामले पर सियासत भी तेज है. मानसून सत्र के आखिरी दिन बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने पीएम नरेंद मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार से सूबे में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. बाढ़ से निपटने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से जैसे ही सहायता की गुहार लगाई, वैसे ही विपक्ष ने भी कमर कस ली.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने बिहार में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. राबड़ी देवी ने कहा है कि लोग बाढ़ से बेहाल हैं, किंतु केंद्र और प्रदेश की सरकार कुछ भी नहीं कर रही है. राबड़ी देवी ने राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करते हुए 10 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने की भी मांग की है. विपक्ष लगातार राज्य सरकार को घेर रही थी.
इस सबके बीच आज यानी शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी दी. सदन को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि 13 जुलाई को हमने आठ घंटे तक इस विषय पर चर्चा की. राज्य में जल, जीवन और हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति का निरिक्षण मैंने खुद किया है. उन्होंने कहा कि हवाई सर्वे के माध्यम से सभी जगहों का निरिक्षण किया गया, प्रत्येक पीड़ित को पूरी मदद दी जाएगी.
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