आज 04 सितंबर को राधाष्टमी मनाई जा रही है। जी हाँ और पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधाजी का जन्म मथुरा के रावल गांव में हुआ था। कहा जाता है राधाष्टमी (Radhashtami) को राधा जयंती (Radha Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है। आप सभी जानते ही होंगे भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी का बचपन एक साथ बीता था और ऐसी मान्यता है कि राधा जी के बिना के श्रीकृष्ण अधूरे हैं। जब भी श्रीकृष्ण का नाम लिया जाता है तो राधा का भी नाम स्वतः ही मुख से निकल जाता है। अब आज बरसाना के राधारानी मंदिर में लाडली जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ऐसे में हम आपको बताते हैं राधाष्टमी के पूजन मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
राधाष्टमी मुहूर्त 2022-
भाद्रपद शुकल अष्टमी तिथि का प्रारंभः 03 सितंबर, शनिवार, दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से
भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि का समापनः आज, 04 सितंबर, रविवार, सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर
सर्वार्थ सिद्धि योगः आज रात 09 बजकर 43 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 01 मिनट तक
रवि योगः आज रात 09 बजकर 43 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 01 मिनट तक
प्रीति योगः आज दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से प्रारंभ
अभिजित मुहूर्तः 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक
राधाष्टमी व्रत और पूजा विधि- आज सुबह स्नान आदि के बाद व्रत और पूजन का संकल्प करें। उसके बाद राधारानी और श्रीकृष्ण की मूर्ति को स्थापित करें। फिर दोनों को पंचामृत से स्नान कराएं। वस्त्र पहनाए और श्रृंगार करें। उनको फूल, चंदन, कुमकुम, अक्षत्, धूप, दीप, फल, मिठाई आदि अर्पित करें। इसके बाद पूजन के अंत में राधा जी और श्रीकृष्ण जी की आरती करें और उसके बाद प्रसाद वितरण करें। अन्य व्रतों की तरह ही नियमों का पालन करते हुए रात्रि जागरण और भगवत भजन करें। अगले दिन सुबह दान दक्षिणा देकर पारण करें और व्रत को पूरा करें।
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