बेंगलुरु। मौसम में तापमान अधिक हो जाने पर आप परेशान हो जाते होंगे, ऐसे में आप अपने घरों और कार्यालयों में कूलर व एसी आॅन करने के बाद राहत पाते होंगे मगर अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका इजाद किया है जिसके माध्यम से किसी ईमारत के तापमान को कम रखने के लिए एसी और पंखों की आवश्यकता नहीं होगी। इस विधि को रेडीएटिव स्काई कूलिंग नामक तकनीक कहा गया है।
जिसमें नए कोटिंग मटेरियल का उपयोग किया जाता है। कोटिंग हेतु जिस तत्व का उपयोग होता है वह मटेरियल सिलिकॉन डाइऑक्साइड और हाफनियम ऑक्साइड की सात परतों से बना है, जिसमें सबसे ऊपर चांदी की महीन परत है। यह एक समय में दो कार्य करने में सक्षम है। इसमें इंफ्रारेड के माध्यम से गर्मी को इमारत की छत और दीवार में जाने से रोका जाता है।
इसके बाद एक बाह्य आवरण तैयार होता है जो ठंडा होता है। दूसरा कार्य यह होता है कि सूर्य की रोशनी को परावर्तित कर दिया जाता है। जिससे वातावरण में गर्मी नहीं होती। यह विधि नेचुरल तरह से इमारत के वातावरण को ठंडा रखने में सहायता करती है। इस तकनीक में गर्मी के मौसम में ईमारत की दीवारों और छत का तापमान बढ़ने पर कूलिंग सिस्टम गर्मी को निष्क्रिय कर देता है।
जिसके कारण तापमान बेहद कम हो जाता है और फिर कमरों के वातावरण में ठंडक घुल जाती है। उल्लेखनीय है कि अंतरिक्ष में किसी गर्म तत्व को इंफ्रारेड रेडिएशन बेहद ठंडे पदार्थ में बदल सकता है। कुछ इसी तरह की तकनीक का उपयोग स्काई कूलिंग में किया जाएगा।
इस मामले में अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और भारतवंशी आसवथ रमन ने बताया कि यह प्राकृतिक तरह से कार्य करता है। रमन इस तकनीक के व्यावसायिक प्रयोग की तैयारी में है। भारतीय बाजार में वे सुपर मार्केट, कोल्ड स्टोरेज, कार्यालयों की छतों पर कूलिंग करने का काम करेंगे।
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