नई दिल्ली: देश में पिछले कुछ दिनों से चल रहे राफेल विमान सौदे पर उत्पन्न विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जानकारी के अनुसार बता दें कि सोमवार से इस मुद्दे पर संसद के फिर गरमाने के आसार हैं। वहीं बता दें कि एक तरफ कांग्रेस जहां इस मामले में जेपीसी जांच की मांग पर अड़ी हुई है तो वहीं दूसरी ओर भूल सुधार के लिए सरकार के फिर कोर्ट जाने से कांग्रेस और अन्य दलों को एक और मुद्दा हाथ लग गया है। इसलिए इस तूफान के अभी थमने के आसार नहीं हैं।
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यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भले ही कानूनी मोर्चे पर सरकार को बड़ी राहत मिल गई हो लेकिन इस पर राजनीति खत्म होती नहीं दिख रही है। लेकिन इतना जरूर है कि कोर्ट की क्लीन चिट के बाद सत्तापक्ष मजबूती से विपक्ष पर पलटवार करने के लिए तैयार है। दरअसल सीएजी रिपोर्ट के पीएसी में भेजे जाने की गलती को पकड़ कांग्रेस ने इस मामले को तूल देना शुरू कर दिया है।
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वहीं बता दें कि सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट जाकर गलती सुधारने की अपील की है लेकिन जब तक यह मामला कोर्ट की सुनवाई के लिए नहीं आता कांग्रेस को एक मुद्दा मिल गया है। इसके अलावा बता दें कि संसद में इस मुद्दे के गरमाने से सरकार और कांग्रेस दोनों के लिए सहयोगी दलों का रुख अहम होगा। यहां बता दें कि एनडीए घटक शिवसेना जहां कांग्रेस के साथ खड़ी दिख रही है वहीं आप के रुख से कांग्रेस को बल मिल रहा है।
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